विश्वास न्यूज की पड़ताल में कोलकाता में हिंदुओं पर हिंसा का दावा करने वाली वायरल पोस्ट झूठी निकली है। 2017 में म्यांमार के रखाइन में हुई हिंसा की मीडिया रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल के कोलकाता का बताकर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के कोलकाता को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स एक मीडिया रिपोर्ट की वीडियो क्लिपिंग शेयर कर दावा कर रहे हैं कि कोलकाता के एक छोटे से गांव में एक हजार हिंदू गायब हो गए हैं और 45 शव मिले हैं। दावा किया जा रहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंदुओं का कत्ल कर दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट का दावा झूठा निकला है। 2017 में म्यांमार के रखाइन में हुई हिंसा की मीडिया रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल के कोलकाता का बता शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर देवेंद्र bhargav ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘कलकत्ता के एक छोटे गांव से एक हजार हिन्दू आदमी छोटे बच्चे तथा बड़े मिला कर गायब हो गए हैं 45 शव बरामद किए हैं रोहिंग्या मुसलमानों ने हिंदूओं का कत्ल कर दिया जी न्यूज की खबर सुने जो मूर्ख हिन्दू ये कहते फिर रहे है कहा है हिन्दू खतरे में वो जरूर देख ले।’ फैक्ट चेक के उद्देश्य से इस पोस्ट में लिखी गई बातों को ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को गौर से देखा। 3 मिनट 33 सेकंड लंबा यह वीडियो Zee न्यूज की एक रिपोर्ट की क्लिपिंग है। इस रिपोर्ट में जी न्यूज के एंकर सुधीर चौधरी बोलते नजर आ रहे हैं। शुरुआती ही हिस्से में सुधीर चौधरी यह बोलते नजर आ रहे हैं कि वीडियो मुंगड़ा के रखाइन इलाके का है। इंटरनेट पर ओपन सर्च के माध्यम से आसानी से जाना जा सकता है कि यह क्षेत्र कोलकाता का नहीं, बल्कि म्यांमार में पड़ता है। रखाइन म्यांमार का एक राज्य है।
विश्वास न्यूज ने जरूरी कीवर्ड्स की मदद से जी न्यूज की इस वायरल क्लिपिंग के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया। हमें जी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 27 सितंबर 2017 को पोस्ट की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट जी न्यूज पर सुधीर चौधरी के कार्यक्रम डीएनए की है। इस रिपोर्ट में म्यांमार की हिंसक घटनाओं में हिंदुओं के मारे जाने की घटना को रिपोर्ट किया गया है। 38 मिनट 26 सेकंड की इस रिपोर्ट में 2 मिनट 59 सेकंड के बाद से वायरल वीडियो को देखा जा सकता है।
जी न्यूज के असल वीडियो तक पहुंचने के बाद हमने म्यांमार के इस पुराने मामले को इंटरनेट पर और खंगाला। हमें बीबीसी की एक पुरानी रिपोर्ट मिली। 22 अगस्त 2018 की इस रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल के हवाले से बताया गया है कि अगस्त 2017 में म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम मिलिटेंट संगठन Arsa ने यहां 99 हिंदुओं की हत्या की थी। हालांकि Arsa ने इन आरोपों से इनकार किया था। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि म्यांमार संकट के दौरान रिपोर्ट किए जाने 7 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों ने पलायन किया था। इनमें म्यांमार की बहुसंख्यक बौद्ध आबादी और हिंदू अल्पसंख्यक भी शामिल थे। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमें एमनेस्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी म्यांमार की इस हिंसक घटना पर रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि नए सबूतों से पता चला है कि रोहिंग्या सशस्त्र संगठनों ने रखाइन में हिंदुओं को मारा है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से यह साफ हो चुका था कि वायरल वीडियो म्यांमार में हुई हिंसा की पुरानी घटना से जुड़ा है। इसका पश्चिम बंगाल के कोलकाता से कोई लेना-देना नहीं है। हमने इस वायरल दावे को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो चीफ जे के वाजपेयी संग भी शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि कोलकाता में कहीं भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल दावे को फेसबुक पर शेयर करने वाले पेज देवेंद्र bhargav को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 563 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कोलकाता में हिंदुओं पर हिंसा का दावा करने वाली वायरल पोस्ट झूठी निकली है। 2017 में म्यांमार के रखाइन में हुई हिंसा की मीडिया रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल के कोलकाता का बताकर शेयर किया जा रहा है।
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