Fact Check: ट्रेन की छत से पानी टपकने के पुराने वीडियो को हाल का बताकर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रेन की टपकती छत के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो साल 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है। रेलवे ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर दावे का खंडन करते हुए इसे पुराना बताया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक ट्रेन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन की छत टपक रही है और बारिश का पानी ट्रेन के अंदर आ रहा है। वीडियो में कुछ लोग ट्रेन के अंदर  छाता लेकर भी खड़े हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो साल 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है। रेलवे ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर दावे का खंडन करते हुए इसे पुराना बताया है। 

क्या हो रहा है वायरल ? 

फेसबुक यूजर सिद्दीकी अली ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, मोदी है तो मुमकिन है। बारिश का मजा रेल की टपकती छत के जरिए लिया जा सकता है। रेल की छत पेपर लीक की ही तरह लीक हो रही है।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वीडियो travelyogi_ नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला। वीडियो को 9 नवंबर 2023 को अपलोड किया गया था। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट रेलवे मिनिस्ट्री के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिला। दरअसल, कांग्रेस नेता प्रियंका चौधरी ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए हाल का बताते हुए रेल मंत्री पर तंज कसा है। इसी पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए रेलवे मिनिस्ट्री ने दावे का खंडन करते हुए वीडियो को पुराना बताया है। 

पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ा एक ट्वीट साउथ रेलवे के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिला। साउथ रेलवे ने भी ट्वीट कर वायरल वीडियो को पुराना बताया है और फेक खबरें ना फैलाने का अनुरोध किया है। 

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ अमित मालवीय से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो पुराना है और काफी समय से सोशल मीडिया पर वायरल है। रेलवे मिनिस्ट्री ने भी ट्वीट कर इस दावे का खंडन किया है।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को आठ हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को पश्चिम बंगाल का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ट्रेन की टपकती छत के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वीडियो साल 2023 से इंटरनेट पर मौजूद है। रेलवे ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर दावे का खंडन करते हुए इसे पुराना बताया है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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