Fact Check: तिरंगा रंग में रंगे झरने का यह वीडियो पुराना है, भ्रामक दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज ने जांच में तिरंगे झरने को लेकर वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक पाया। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2020 का है। ये झरना जोधपुर के कदम खंडी क्षेत्र का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था। उसी वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक झरने को तिरंगा के रंगों में देखा जा सकता है। अब कुछ यूजर्स इस वीडियो जिस तरह से शेयर कर रहे हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है, जैसे वायरल वीडियो हालिया है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2020 का राजस्थान के जोधपुर का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था। उसी वीडियो को कुछ लोग हालिया बताकर शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Deepak Nishad ने वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा है, “भारत में रहने वाले इतना टैलेंट लोग हैं झरना को तिरंगा में बदल दिया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। हमें वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट एबीपी न्यूज के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर मिली। 16 अगस्त 2020 को शेयर वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, वीडियो को राजस्थान के जोधपुर का बताया गया है।

वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर मिली। साल 2020 में प्रकाशित खबर में बताया गया, वीडियो राजस्थान के जोधपुर के बैरीगंगा झरने का है। दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

एक बार पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उस समय विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। हमने वीडियो को जोधपुर के स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार डॉ रंजन दवे के साथ शेयर किया था। उन्होंने हमें बताया था कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो तकरीबन दो साल पुराना है। ये कदम खंडी के रमणीय स्थान का है। यह जोधपुर से तकरीबन 20 से 25 किलोमीटर दूर दईजर मार्ग पर है। तकरीबन दो साल पहले दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था।

फैक्ट चेक रिपोर्ट यहां पढ़ें।

अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को 6 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में तिरंगे झरने को लेकर वायरल किया जा रहा दावा भ्रामक पाया। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2020 का है। ये झरना जोधपुर के कदम खंडी क्षेत्र का है। जहां पर दो युवकों ने मिलकर झरने में रंग मिलाकर इसे तिरंगे जैसा रूप दे दिया था। उसी वीडियो को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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