विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जी 20 शिखर सम्मेलन के नाम पर वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो जनवरी में कनाडा के वाटरलू में हुए एक समारोह का है। जहां पर तमिल कल्चरल एसोसिएशन द्वारा पोंगल उत्सव का आयोजन किया गया था और अधिकारियों को लंच कराया गया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। जैसे-जैसे शिखर सम्मेलन पास आ रहा है, जी20 देशों के प्रतिनिधियों के साथ अतिथि के रूप में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी से जोड़कर भारतीय रीति-रिवाज से खाना खाते विदेशियों का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह जी20 के बैठक के लिए भारत आये विदेशी अतिथि का है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो जनवरी में कनाडा के वाटरलू में हुए एक समारोह का है। जहां पर तमिल कल्चरल एसोसिएशन द्वारा पोंगल उत्सव का आयोजन किया गया था और अधिकारियों को लंच कराया गया था।
ट्विटर यूजर राजेश लवारिया (पूर्व उपमहापौर) ने 7 अप्रैल को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “भारतीय संस्कृति एवं स्वदेशी व्यंजनों का आनंद ही निराला है। मोदी जी को बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने इन छुरी कांटे से खाने वालों को भी सीधे हाथ से भोजन करना सिखा दिया है। यह G20 के बैठक के लिए भारत आये विदेशी अतिथि भोजन करते हुए।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो तमिल कल्चरल एसोसिएशन के फेसबुक पेज पर 15 जनवरी 2023 को शेयर हुआ मिला। पोस्ट में मौजूद जानकारी के अनुसार, वीडियो कनाडा के वाटरलू शहर में मनाए गए पोंगल समारोह के कार्यक्रम का है। तमिल कल्चरल एसोसिएशन ने इस कार्यक्रम को आयोजित किया था और इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर के कुछ नेता, मेयर और पुलिस कर्मचारी को बुलाया था।
वाटरलू की मेयर डोरोथी मैककैबे और कनाडा के किचनर शहर के मेयर बेरी व्रबानोविक ने भी इस कार्यक्रम से जुड़ी तस्वीरें अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की थी।
इस वीडियो के बारे में जानने के लिए विश्वास न्यूज ने तमिल कल्चरल एसोसिएशन के एक अधिकारी शिवा कुमार से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया, वायरल वीडियो जनवरी में कनाडा के वाटरलू शहर में मनाए गए पोंगल उत्सव का है। इस समारोह में शामिल होने के लिए शहर के कई बड़े अधिकारी आए थे।
आखिर में हमने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज की सोशल स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर को ट्विटर पर 1,875 लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने खुद को नई दिल्ली का निवासी बताया हुआ है। राजेश लवारिया (पूर्व उपमहापौर) ट्विटर पर अक्टूबर 2020 से सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जी 20 शिखर सम्मेलन के नाम पर वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। वीडियो जनवरी में कनाडा के वाटरलू में हुए एक समारोह का है। जहां पर तमिल कल्चरल एसोसिएशन द्वारा पोंगल उत्सव का आयोजन किया गया था और अधिकारियों को लंच कराया गया था।
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