Fact Check : सीमा हैदर मामले से जोड़कर पीएम मोदी के पुराने वीडियो को गलत दावों के साथ किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि पीएम मोदी के वायरल वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे गलत हैं। पीएम मोदी के दोनों वीडियो पुराने हैं। पहला वीडियो साल 2017 के शीतकालीन सत्र के दौरान है, जबकि दूसरा 2016 में यूपी में हुई एक रैली का है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)।  गैर-कानूनी तरीके से अपने बच्चों के साथ भारत आई सीमा हैदर मामले से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के दो वीडियो वायरल हो रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने सीमा हैदर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे गलत हैं। पीएम मोदी के सभी वीडियो पुराने हैं। वीडियो में इस्तेमाल किया गया पहला वीडियो साल 2017 के शीतकालीन सत्र के दौरान का है, जबकि दूसरा 2016 में यूपी में हुई एक रैली का है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘एसएफ’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा हैदर को गिरफ्तार करने की घोषणा की। सीमा हैदर लगातार सोशल मीडिया और मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई है। सीमा के भारत आने के बाद से ही इस बात की लगातार चर्चा हो रही है कि वो जासूस है या नहीं। इसी बीच ZEE MEDIA से बातचीत में उसने बताया कि वो 6 लाख रुपये खर्च करके भारत आई। जिसके बाद से ये सवाल उठ रहा है कि उसके पास इतने पैसे कहां से आए।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

एक अन्य यूजर ‘न्यू वायरल’ ने एक अन्य वीडियो को शेयर करते हुए यही दावा किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा हैदर को गिरफ्तार करने की घोषणा की। सीमा हैदर लगातार सोशल मीडिया और मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई है. सीमा के भारत आने के बाद से ही इस बात की लगातार चर्चा हो रही है कि वो जासूस है या नहीं. इसी बीच ZEE MEDIA से बातचीत में उसने बताया कि वो 6 लाख रुपये खर्च करके भारत आई. जिसके बाद से ये सवाल उठ रहा है कि उसके पास इतने पैसे कहां से आए।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमें गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 18 जुलाई 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “सीमा हैदर मामले में एटीएस सीमा हैदर, उसके हिंदुस्तानी पति सचिन, सचिन के पिता नेत्रपाल से पूछताछ कर रही है। सोमवार देर रात ढाई बजे एटीएस सचिन और सीमा को उनके रबूपुरा स्थित घर पर छोड़ गई थी। मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे पाकिस्तानी महिला सीमा उसकी एक बेटी व एक बेटे और सचिन के पिता नेत्रपाल को एटीएस दोबारा पूछताछ के लिए ले गई है।”

हमें पड़ताल के दौरान ऐसी कोई न्यूज़ नहीं मिली कि पीएम मोदी ने सीमा हैदर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया हुआ है।

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से सुना। हमने पाया कि वीडियो में पीएम मोदी साल 2017 बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इसी आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमने यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 7 फरवरी 2017 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधन दे रहे थे।  

दूसरे वीडियो के बारे में जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें असली वीडियो नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को दिसंबर 2016 में अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वीडियो प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक रैली की थी, यह वीडियो उसी रैली का है।  

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के ग्रेटर नोएडा के रिपोर्टर अर्पित त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। सीमा हैदर और सचिन के परिवार से यूपी एटीएस की टीम लगातार पूछताछ कर रही है।”

अंत में हमने पीएम मोदी के वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर इसी तरह के गलत दावों को शेयर करता है। यूजर को 6.7 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि पीएम मोदी के वायरल वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे गलत हैं। पीएम मोदी के दोनों वीडियो पुराने हैं। पहला वीडियो साल 2017 के शीतकालीन सत्र के दौरान है, जबकि दूसरा 2016 में यूपी में हुई एक रैली का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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