Fact Check : इंदौर में अर्द्धनग्न युवकों की परेड का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। सितंबर 2023 में इंदौर में आपसी विवाद के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश में ईद का त्‍योहार हर्षोउल्‍लास के साथ मनाया गया। अब उससे जोड़कर एक वीडियो सांप्रदायिक दावा करते हुए वायरल किया जा रहा है। इसमें कुछ युवकों को अर्द्धनग्न अवस्‍था में रस्‍सी से बंधा हुआ देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ईद पर हिंदुओं के घर पत्‍थर फेंकने वाले इंदौर के मुस्लिम युवकों को अर्द्धनग्न किया और फिर रस्‍सी बांधकर घूमाया। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। सितंबर 2023 में इंदौर में आपसी विवाद के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उसी वक्‍त के वीडियो को अब ईद से जोड़ते हुए गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सोमेश राय सन्टी ने 20 जून को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “MP इंदौर में अब्दुल और उसके साथियों ने मिलकर ईद पर हिंदूओं के घर पर पत्थर फेंके और डराने धमकाने लगे थे। CM-मोहन यादव जी की पुलिस ने अब्दुल गैंग को थाने में बढ़िया से कूटा…अर्द्धनग्न किया और रस्सी से बांधकर वहीं लेकर आईं जहां पत्थर फेंके थें! इस कठोर कारवाई के लिए इंदौर पुलिस का बहुत बहुत धन्यवाद।”

वायरल पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। इसे फेसबुक, इंस्‍टाग्राम के अलावा वॉट्सऐप पर भी शेयर किया जा रहा है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले इसके कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें ऑनलाइन टूल गूगल लेंस पर अपलोड करके सर्च किया। हमें सबंधित वीडियो से जुड़ी पुरानी खबरें कई न्‍यूज वेबसाइट पर मिली। हमें टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर वायरल वीडियो मिला। 10 सितंबर 2023 को वीडियो का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि मध्‍य प्रदेश पुलिस ने इंदौर में आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इसके बाद इन्‍हें अर्द्धनग्न करके सड़क पर घुमाया। इन पर पत्थरबाजी का आरोप था।

इसी तरह यह वीडियो हमें इंडिया टीवी की वेबसाइट पर भी मिला। 9 सितंबर 2023 की इस खबर में बताया गया कि इंदौर में पुलिस ने सदर बाजार क्षेत्र में पथराव करने वाले बदमाशों का अर्धनग्न करके जुलूस निकाला और तो और बदमाशों से वो सारे पत्थर भी उठवाए, जो उन्होंने पथराव में फेंके थे।

गूगल ओपन सर्च से खोजने पर हमें नईदुनिया डॉट कॉम पर एक खबर मिली। इसे 9 सितंबर 2023 को प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया गया, “पथराव के आरोपितों को पुलिस ने अलग ही अंदाज में सबक सिखाया।अर्धनग्न अवस्था में आरोपित घटनास्थल पर पहुंचे और चुन-चुनकर पत्थर बिने। पूरी सड़क साफ की और रहवासियों से माफी मांगकर कहा, असुविधा के लिए खेद है। आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। पुलिस आरोपितों को रस्सी से बांधकर ले गई थी।”

खबर में आगे बताया गया, “मामला सदर बाजार थाना क्षेत्र का है। शुक्रवार को आरोपित जुबैर, मोईन, मोहसिन, मशरूप, अमजद, इम्मा, शानू उर्फ रिजवान, सोहेल, कच्छू के खिलाफ पत्थरबाजी का मुकदमा दर्ज किया था। आरोपितों ने जूना रिसाला क्षेत्र में विवाद किया और एक-दूसरे पर जमकर पथराव कर डाला।”

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान इंदौर के डीसीपी जोन-1 आदित्य मिश्रा से संपर्क किया था। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया था कि वायरल वीडियो इंदौर का ही है। यहां के सदर बाजार थाना क्षेत्र में आरोपित जुबैर, मोईन, मोहसिन, मशरूप, अमजद, इम्मा, शानू उर्फ रिजवान, सोहेल, कच्छू के खिलाफ पत्थरबाजी का मुकदमा दर्ज किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया, इंदौर के क्राइम रिपोर्टर मुकेश मंगल से बात की। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। हाल-फिलहाल में इंदौर में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

यह वीडियो एक बार पहले भी यूपी के नाम पर गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है। उसकी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में झूठा सांप्रदायिक दावा करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर सोमेश राय सन्‍टी वाराणसी का रहने वाला है। यह अकाउंट अगस्‍त 2011 को बनाया गया था।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि सितंबर 2023 की घटना के वीडियो को कुछ लोग हालिया बताकर गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। यह वीडियो पहले भी एक बार गलत दावे के साथ वायरल हो चुका है।

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