Fact Check : पाकिस्‍तान की गुमशुदा बच्‍ची का पुराना वीडियो नागपुर के नाम पर वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पाकिस्‍तान का एक वीडियो सोशल मीडिया में नागपुर के नाम पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक पुलिसकर्मी गोद में छोटी बच्‍ची को लेकर लोगों से अपील करता हुआ दिख रहा है कि यह बच्‍ची अपनों से बिछड़ गई है। इसकी मदद करें। वीडियो को फेसबुक पर अपलोड करके लोग दावा कर रहे हैं कि यह बच्‍ची नागपुर रेलवे स्‍टेशन पर मिली है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। असली वीडियो पाकिस्‍तान का है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर रीता कीनी ने 9 अक्‍टूबर 2019 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : This baby in Nagpur station she can speak only Tamil. Just forward to best of your known people. It may reach appropriate person.

पड़ताल

वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इसे हमने InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले और फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें यह वीडियो ट्विटर पर कई जगह मिला। इसके बाद हमने टाइम लाइन टूल का यूज करते हुए सबसे पुराना ट्वीट खोजना शुरू किया। हमें सबसे पुराना ट्वीट पाकिस्‍तान यूजर रजा हारून नाम के एक शख्‍स का मिला। इस ट्वीट को 4 दिसंबर 2018 को किया गया था। ट्वीट में ऊर्दू में लिखा था कि कराची के ख्‍वाजा अजमेर नगरी पुलिस स्‍टेशन में एक बच्‍ची है, जो अपने मां-बाप से बिछड़ गई है।

सर्च के दौरान ही वायरल वीडियो हमें यूटयूब पर भी मिला। इसे यहां 4 दिसंबर 2018 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया कि एक लापता बच्‍ची ख्‍वाजा अजमेर नगरी पुलिस को मिली।

वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी को भी ख्‍वाजा अजमेर नगरी पुलिस स्‍टेशन बोलते हुए सुना जा सकता है। इसके बाद हमने गूगल में इस पुलिस स्‍टेशन को सर्च करना शुरू किया। हमें पता चला कि इस नाम का पुलिस स्‍टेशन पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत के कराची में है।

अब हमें यह जानना था कि सिंध पुलिस की यूनिफॉर्म क्‍या है। इसके लिए गूगल में हमने Sindh Police Uniform टाइप करके सर्च किया। हमें कई ऐसी तस्‍वीरें मिलीं, जो वायरल वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी की यूनिफॉर्म जैसी ही थी। हमें दोनों तस्‍वीरों में यूनिफॉर्म के रंग के अलावा कंधे पर मौजूद बैज भी एक जैसा ही दिखा।

इसके बाद हमने नागपुर रेलवे पुलिस से संपर्क किया। वहां के पीएसओ वासुदेव डाबरे के अनुसार, वायरल वीडियो उनके यहां का नहीं है। ऐसी कोई बच्‍ची हमारे यहां नहीं मिली है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने Reeta Kini नाम के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। इस अकाउंट पर पाकिस्‍तान के वीडियो को नागपुर का बताकर वायरल किया जा रहा है। स्‍कैनिंग में पता चला कि इस अकाउंट से खबरें शेयर की जाती हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता लगा कि नागपुर स्‍टेशन में बच्‍ची मिलने की वायरल पोस्‍ट फर्जी है। पाकिस्‍तान के कराची के ख्‍वाजा अजमेर नगरी पुलिस स्‍टेशन के एक पुराने वीडियो को अब नागपुर के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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