निहंग सिखों से जुड़े पुराने वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वायरल दावा गलत है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ निहंग सिखों को एक बस के ऊपर हमला करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हालिया किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा साबित हुआ है। सितंबर 2019 में पंजाब के कपूरथला में हुई घटना के वीडियो को अभी का बताकर वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। Millind नाम के ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को हालिया किसान आंदोलनों से जोड़ते हुए ट्वीट किया है। इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस वीडियो में सुदर्शन न्यूज का लोगो लगा हुआ है। सुदर्शन न्यूज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी इस पुराने वीडियो को शेयर किया गया है। सुदर्शन न्यूज के ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले InVID टूल की मदद से इस वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले। हमने उन कीफ्रेम्स पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इससे जुड़े कुछ नतीजे मिले। हमें asianetnews की वेबसाइट पर 22 सितंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट कपूरथला में PRTC बस पर निहंग सिखों के हमले से जुड़ी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि नकोदरा से कपूरथला आ रही PRTC की बस निहंगों के घोड़ों से टच कर गई थी। इसके बाद विवाद हुआ। इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो की तस्वीरें ही लगी हुई हैं। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
इस जानकारी के आधार पर विश्वास न्यूज ने इस मामले की आगे पड़ताल की। हमें इस मामले से जुडी दैनिक जागरण की 24 सितंबर 2019 को प्रकाशित एक खबर मिली जिसकी हेडलाइन थी: ‘पीआरटीसी बस में तोड़फोड़ करने वालों तक नहीं पहुंची पुलिस।’ इस खबर को विस्तार से यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
हमने जरूरी कीवर्ड्स से इस वीडियो को यूट्यूब पर तलाशा। हमें P24 News के यूट्यूब चैनल पर भी यह वायरल वीडियो मिला। 23 सितंबर 2019 को यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को अपलोड किया गया है। इसका शीर्षक है, ‘Punjab PRTC Bus पर निहंग सिक्खों ने किया हमला।’ इस वीडियो को यहां नीचे देखा जा सकता है।
हमारी अबतक की पड़ताल से ये साबित हो चुका था कि ये वीडियो हाल के किसान आंदोलनों का नहीं, बल्कि सितंबर 2019 का है। विश्वास न्यूज ने इस मामले में और जानकारी जुटाने के लिए हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कपूरथला के इंचार्ज अमरीक सिंह से संपर्क किया। हमने उनके साथ इस वायरल दावे को शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि ये वीडियो पुरानी घटना का है और इसका किसान आंदोलनों से कोई लेना-देना नहीं है।
विश्वास न्यूज पहले भी इस वायरल वीडियो को फैक्ट चेक कर चुका है। तब भी इस वीडियो को अलग गलत दावे से शेयर किया जा चुका है। उस फैक्ट चेक स्टोरी को यहां नीचे देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को ट्वीट करने वाले यूजर Millind की प्रोफाइल को स्कैन किया। इस प्रोफाइल को मई 2020 में बनाया गया है। यूजर की लोकेशन मुंबई है और फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 39 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: निहंग सिखों से जुड़े पुराने वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वायरल दावा गलत है।
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