Fact Check: असम के नगांव का पुराना वीडियो मथुरा के नाम से हुआ वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्टस की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। असली वीडियो असम के नगांव शहर का है और तकरीबन दो साल पुराना है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में भारी-भरकम भीड़ पुलिस बैरिकेड तोड़ती हुई नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर का है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की, फिर हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। असली वीडियो असम के नगांव शहर का है और तकरीबन दो साल पुराना है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर दीपक गुप्ता अयोध्यावासी ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि हिन्दुओं की एकता अब रंग ला रही है। सनातनी अब एक हो रहे है। उसकी एक झलक मथुरा में जब मथुरा में कृष्ण भक्तों ने बेरीकेटिंग तोड़ दी। जय श्री कृष्णा। हर हर महादेव।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

https://twitter.com/ShimlaHelpline/status/1467873473590546435

पड़ताल

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक पोस्ट न्यूज वेबसाइट Inside Northeast के फेसबुक अकाउंट पर 12 दिसंबर 2019 को अपलोड मिली। पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो असम के नगांव का है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़े कुछ ट्वीट असम के पत्रकार रितुपर्णा भुयान और Dr. Kumud Das के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 12 दिसंबर 2019 को अपलोड मिले। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, नगांव शहर के लोगों ने नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ सड़कों पर उतकर प्रदर्शन किया था। ये वीडियो उसी दौरान का है।

विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, मथुरा के प्रभारी विनीत मिश्रा से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो का मथुरा से कोई संबंध नहीं है। ऐसी कोई घटना हाल-फिलहाल में यहां पर नहीं हुई है।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि वायरल वीडियो को पोस्टर करने वाले फेसबुक यूजर दीपक गुप्ता अयोध्यावासी यूपी के बांदा के रहने वाले हैं। दीपक गुप्ता अयोध्यावासी को फेसबुक पर 1600 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्टस की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। असली वीडियो असम के नगांव शहर का है और तकरीबन दो साल पुराना है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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