Fact Check : दिल्‍ली में उत्‍पात का एक साल पुराना वीडियो हुआ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। दिल्‍ली के मुखर्जी नगर में पुलिस के दवारा कुछ दिन पहले सिख ड्राइवर सरबजीत सिंह की पिटाई के बाद सोशल मीडिया पर पुराने कई अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में कांवड़ियों के उत्‍पात से जुड़ा पुराना वीडियो गलत संदर्भ के साथ वायरल हो रहा है। विश्‍वास टीम की जांच में यह वीडियो पिछले साल का निकला। 8 अगस्‍त 2018 को दिल्‍ली के मोती नगर में कांवड़ियों ने एक कार में तोड़फोड़ के बाद उसे पलट दिया था। यह वीडियो अब वायरल हो रहा है। गलत संदर्भ के साथ अब वायरल हो रहा यह वीडियो लोगों को भ्रमित कर सकता है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर जोरावर सिंह ने एक पुराना वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : ”यह हथियार लेकर पब्लिक के समान की पब्लिक की तोड़फोड़ कर सकते है क्यूंकि यह सिख नहीं है। सिख अपनी आत्मरक्षा के लिए भी किरपान निकाल ले तो आतंकवादी हो जाता है। ”

इस वीडियो को अब तक तीन हजार से ज्‍यादा लोग शेयर कर चुके हैं। जोरावर सिंह के अलावा भी कई फेसबुक यूजर्स इस वीडियो को गलत संदर्भ के साथ अपनी वॉल पर अपलोड कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने वायरल हो रहे वीडियो को ध्‍यान से देखा तो पता चला कि ये पुराना वीडियो है। पिछले साल यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। कांवड़ियों के उत्‍पात की खबरें कई जगह प्रकाशित हुई थी। पड़ताल करने के लिए सबसे पहले हमने ”Karwadia Destroying car” गूगल सर्च में टाइप करके सर्च किया। सर्च करने के बाद हमें यह साफ हो गया कि यह वायरल हो रहा वीडियो पिछले साल का है। यह घटना दिल्‍ली के मोती नगर में हुई थी। गूगल पर हमें यह वीडियो कई जगह मिला। घटना 8 अगस्‍त 2018 को हुई थी।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने InVID टूल की मदद से न्‍यूज एजेंसी @ANI के Tweet को सर्च करना शुरू किया। काफी सर्च के बाद हमें एक वीडियो मिला। इसे ANI ने 8 अगस्‍त 2018 को Tweet किया था। यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हम Youtube पर गए। वहां हमें यह वीडियो इंडिया टुडे के Youtube चैनल पर मिला।

इसके अलावा गूगल सर्च पर जब हमने खबरों को सर्च करना शुरू किया तो कई वेबसाइट पर यह खबर हमें मिली। नईदुनिया अखबार की वेबसाइट ने भी इससे संबंधित खबरों को प्रकाशित किया था। नईदुनिया की एक खबर के अनुसार, दिल्‍ली में एक कांवड़िए को कार से चोट लग जाने के बाद जमकर बवाल हुआ था। कुछ कांवड़ियों ने कार को रोड पर पलट दिया था। पुलिस के आने के बाद मामला शांत हो पाया था। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं। यह खबर आप दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी पढ़ सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने मोती नगर पुलिस स्‍टेशन पर संपर्क किया। वहां हमारी बात ड्यूटी ऑफिसर सत्‍य नारायण से हुई। उन्‍होंने बताया कि जिस वीडियो की आप बात कर रहे हैं, वह पिछले साल का है। इस समय कोई कांवड़ यात्रा नहीं चल रही है। उन्‍होंने बताया कि कुछ लोग पुराने वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल करके माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो एक साल पुराना दिल्‍ली का है। कुछ लोग इस वीडियो को दिल्‍ली में सिख ड्राइवर की पिटाई के बाद गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं।

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False
Symbols that define nature of fake news
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