Fact Check : पानी में बहते लोगों के इस वीडियो का वर्तमान बारिश से नहीं है कोई संबंध

वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। ओरिजनल वीडियो जयपुर की पुरानी घटना का है। वर्ष 2020 में कई न्‍यूज संस्‍थानों ने इसे कवर भी किया था।

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज़)। मानसून में कई जगह भारी बारिश के बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें तेज बहाव में कुछ लोगों को पानी के साथ बहते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को कुछ यूजर्स जोधपुर तो कुछ जयपुर का बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। ओरिजनल वीडियो जयपुर की पुरानी घटना का है। वर्ष 2020 में कई न्‍यूज संस्‍थानों ने इसे कवर भी किया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज द मसला ने 27 जुलाई को एक वीडियो को अपने पेज पर अपलोड करते हुए दावा किया : ‘Jodhpur: भयंकर बारिश बनी आफत ! पानी के तेज बहाव में बहे लोग!’

इसी वीडियो को दूसरे यूजर्स जयपुर का बताकर वायरल कर रहे हैं। फेसबुक यूजर गौरव सपावत जीवली ने 27 जुलाई को इस वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘जयपुर में भयंकर बारिश बनी आफत। पानी के तेज बहाव में लोग जाते हुए।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर हमें पता चला कि 14 अगस्‍त 2020 को नवभारत टाइम्‍स.कॉम ने अपनी वेबसाइट पर इस वीडियो का इस्‍तेमाल किया था। इसमें बताया गया था कि जयपुर में भारी बारिश के बाद कुछ लोग बहने लगे थे। पूरा वीडियो यहां देखें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए सर्च जारी रखा। न्‍यूज18 के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वायरल वीडियो पुरानी तारीख के साथ अपलोड मिला। 14 अगस्‍त 2020 को इस वीडियो को पोस्‍ट करते हुए बताया गया कि जयपुर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।

सर्च के दौरान टीवी 9 भारतवर्ष के यूट्यूब चैनल पर भी संबंधित वीडियो एक खबर में मिला। खबर में बताया गया कि जयपुर में भारी बारिश के कारण पानी के बहाव में लोग बहे। इस खबर को 14 अगस्‍त 2020 को अपलोड किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जयपुर के वरिष्‍ठ पत्रकार विष्‍णु शर्मा से संपर्क किया। वे एक निजी न्‍यूज चैनल से जुड़े हुए हैं। उन्‍होंने हमें स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि वायरल वीडियो जयपुर की पुरानी घटना का है।

पड़ताल के अंत में उस यूजर की जांच की, जिसने पुराने वीडियो को अब वायरल किया। फेसबुक पेज द मसला की सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि इसे चार लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं, जबकि 92 हजार से ज्‍यादा लोग लाइक करते हैं। पेज को 20 दिसंबर 2018 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह भ्रामक साबित हुई। ओरिजनल वीडियो जयपुर की पुरानी घटना का है। वर्ष 2020 में कई न्‍यूज संस्‍थानों ने इसे कवर भी किया था।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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