Fact Check: तेज बारिश वाला तुर्की का पुराना वीडियो हरियाणा का बताकर किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी का नहीं, बल्कि तुर्की के इस्तांबुल का 2017 का वीडियो है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बारिश और ओलों के बीच गाड़ियों को जाते हुए देखा जा सकता है। 45 सेकंड के इस वीडियो को वायरल कर दावा किया जा रहा है की तेज़ बारिश और ओले पड़ने का यह वीडियो हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी का है। विश्वास न्यूज़ ने विस्तार से वीडियो की जाँच की और पाया कि ये वीडियो हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी का नहीं, बल्कि तुर्की के इस्तांबुल का 2017 का वीडियो है। वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक पेज “India awaaz ” ने 24 मई को वीडियो को शेयर किया है और लिखा है, “बदलते #मौसम के कारण हुई बारिश व गिरे बड़े बड़े ओले, हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी में सड़क पर कुछ इस तरह का दृश्य देख गया”

कई यूजर्स इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल की मदद से हमने वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान वायरल वीडियो हमें BILD नाम के यूट्यूब चैनल पर 28, जुलाई 2017 को अपलोड मिला। वीडियो में Kai Diekmann नाम के शख्स को बोलते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ लिखा था, “इस्तांबुल में दोपहर बाद भयंकर ओलावृष्टि हुई। टेनिस गेंदों के आकार के ओलों ने सैकड़ों कारों को नुकसान पहुंचाया, बाहरी शीशों को तोड़ दिया और यहां तक कि विंडशील्ड और पीछे की खिड़कियों को भी तोड़ दिया!”

सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो Kai Diekmann नाम के ट्विटर यूजर द्वारा 27 जुलाई 2017 को ट्वीट मिला। वीडियो को ट्वीट कर लिखा था, “I’ve never experienced hail like this before! #Istanbul ” हिंदी अनुवाद (मैंने पहले कभी इस तरह की ओलावृष्टि का अनुभव नहीं किया है! इस्तांबुल)

हमने वीडियो के बारे में जानकारी के लिए Kai Diekmann से ट्वविटर के जरिये संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वीडियो उन्होंने शूट किया है और इस्तांबुल का है। kai ने हमारे साथ वायरल वीडियो से जुड़े फोटो भी शेयर किये।

अधिक जानकारी के लिए हमने वायरल पोस्ट के लिंक को दैनिक जागरण के करनाल रिपोर्टर रोहित लामसर के साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो दिन का है, जबकि करनाल और आस-पास के इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि रात को हुई थी। यह भी बताया कि यहाँ हालिया बारिश या ऐसा कुछ नहीं हुआ जैसा  वीडियो में दिखाई दे रहा है। रोहित लामसर ने कहा कि वायरल वीडियो भी यहाँ का नहीं है, क्योंकि वीडियो में जो दृश्य नज़र आ रहा है, वो यहाँ का है ही नहीं।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस पेज की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि पेज को 1,760 लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक पर यह पेज 10,सितम्बर 2021 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो हरियाणा के करनाल के नीलोखेड़ी का नहीं, बल्कि तुर्की के इस्तांबुल का 2017 का वीडियो है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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