Fact Check : अंबाला में मगरमच्‍छ के झूठे दावे के साथ गुजरात का पुराना वीडियो वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो गुजरात के वडोदरा का साबित हुआ। यह पुराना वीडियो है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश के कुछ राज्‍यों में बारिश का कहर जारी है। मानसूनी बारिश के बाद आई बाढ़ से जानमाल की भी हानि हुई है। इसी के बीच सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफार्म पर झूठ फैलाने का सिलसिला भी जारी है। अब 20 सेकंड का एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि हरियाणा के अंबाला स्थित गीता नगर में पानी में मगरमच्‍छ देखने को मिला है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल गुजरात के एक पुराने वीडियो को अंबाला का बताकर झूठ फैलाया जा रहा है। यह वीडियो एक बार पहले भी बिहार के नाम पर वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो गुजरात के वडोदरा का साबित हुआ। यह पुराना वीडियो है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर दीपक प्रभाकर ने 10 जुलाई को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “अंबाला के गीता नगर और बलदेव नगर मे घरों मे घुसा पानी। गीता नगर मे पानी के साथ आया मगरमच्छ। इस आपदा मे सभी एक दूजे का सहयोग करें।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें। य‍ह वीडियो दिल्‍ली के नाम पर भी वायरल है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अंबाला के नाम पर वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस के जरिए सर्च करना शुरू किया। एनडीटीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 4 अगस्‍त 2019 को अपलोड एक न्‍यूज वीडियो के 10वें सेकंड पर वैसा ही सीन नजर आया, जो वायरल वीडियो में दिख रहा था। पुरानी इस खबर में बताया गया कि गुजरात के वडोदरा में भारी बारिश के बीच मगरमच्‍छ देखने को मिला।

पड़ताल के दौरान इंडिया टुडे की वेबसाइट पर संबंधित खबर मिली। 4 अगस्‍त 2019 को पब्लिश खबर में बताया गया कि वडोदरा के वडसार में रियाहशी इलाके से एनडीआरएफ की टीम ने एक मगरमच्‍छ को रेस्‍क्‍यू किया। खबर में हमें एक ट्वीट भी मिला। इसमें इस्‍तेमाल किया गया वीडियो दूसरे एंगल से बनाया गया था। लेकिन इसमें आसपास की लोकेशन और व्‍यक्तियों के कपड़ों को देखकर आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह वायरल वीडियो वाली घटना से जुड़ा वीडियो है।

यह वीडियो एक बार पहले भी वायरल हो चुका है। उस वक्‍त विश्‍वास न्‍यूज ने वडोदरा म्‍युनिसिपल कॉरपोरेशन के पीआरओ सुमन के रथवा से बात की थी। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया था कि वायरल वीडियो वडोदरा का ही है। यह पहले भी वायरल हो चुका है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए अंबाला, दैनिक जागरण के ब्‍यूरो चीफ दीपक बहल से संपर्क किया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए बताया कि वायरल वीडियो का अंबाला से कोई संबंध नहीं है। अंबाला में मगरमच्‍छ देखने की कोई घटना नहीं हुई है।

जांच के अंतिम चरण में फेसबुक यूजर दीपक प्रभाकर की सोशल स्‍कैनिंग की गई। इसी अकाउंट से फेक पोस्‍ट किया गया। पता चला कि यूजर पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है। एक राजनीतिक दल से जुड़े इस यूजर के अकांउट को एक हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यह अकाउंट जनवरी 2011 को बनाया गया।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि गुजरात के पुराने वीडियो को कुछ लोग अंबाला का समझकर वायरल कर रहे हैं। वीडियो का अंबाला से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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