Fact Check: कश्मीर में आई बाढ़ का यह वीडियो पुराना है, भ्रामक दावे से किया जा रहा है शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो भ्रामक पाया। वीडियो कश्मीर का ही है, पर हालिया नहीं, बल्कि साल 2014 का है। उसी वीडियो को अब गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण कश्मीर(Kashmir Flash Flood)के कई हिस्‍सों में नुकसान की खबरें आ रही हैं। कई इलाकों में बाढ़ आ गई। इनके वीडियो और तस्‍वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। अब इसी से जोड़ते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह कश्मीर में आई हालिया बाढ़ का वीडियो है।

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि यह वीडियो 2014 का है, जब कश्मीर में भीषण बाढ़ आई थी। उसी वीडियो को अब कुछ लोग हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर कर रहे हैं। वीडियो का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या है वायरल वीडियो?

फेसबुक यूजर ‘Barber Xubbi’ (आर्काइव लिंक) ने 29 अप्रैल 2024 को वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,”Khudaya rhm krr #Khudaya_Raham #virals #viral #rains #Alert #floods #Kashmir”

फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें वीडियो एनबीसी न्यूज की वेबसाइट पर मिला। 4 सितंबर 2014 को प्रकाशित खबर में बताया गया, “कश्मीर के भारत-नियंत्रित हिस्से में भारी बारिश और शक्तिशाली बाढ़ ने पिछले दो दिनों में कम से कम 14 लोगों की जान ले ली है।”

सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट एपी आर्काइव के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। 3 अगस्त 2015 को अपलोड वीडियो में बताया गया, “कश्मीर के भारत-अधिकृत हिस्से में पिछले दो दिनों में भारी बारिश और 22 वर्षों की सबसे भीषण बाढ़ के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है।कुछ निवासी अपने घरों को खाली करने की कोशिश में बाढ़ के पानी से गुज़र रहे थे।”

पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो को लेकर हमने दैनिक जागरण में जम्मू-कश्मीर के पत्रकार नवीन नवाज से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था कि ये वीडियो कश्मीर का है और कई साल पुराना है। उर्दू भाषा की उस फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को स्कैन किया। यूजर को फेसबुक पर 22 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो भ्रामक पाया। वीडियो कश्मीर का ही है, पर हालिया नहीं, बल्कि साल 2014 का है। उसी वीडियो को अब गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट