Fact Check : समुद्र किनारे मछलियों के झुंड का पुराना वीडियो ओडिशा तट का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया। समुद्र किनारे मछलियों को पकड़ते लोगों का वायरल वीडियो ओडिशा का नहीं है। वीडियो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्वास न्यूज)। बिपरजॉय तूफान से जोड़कर सोशल मीडिया पर कई पुराने वीडियो फर्जी और भ्रामक दावे के साथ शेयर किए गए। अब ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें समुद्र किनारे पड़ी बहुत-सी मछलियों को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो ओडिशा के पुरी बीच का है। वीडियो को बिपरजॉय तूफान के बाद का बताया जा रहा है। कई यूजर्स इस वीडियो को हाल का बता रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो न तो हाल-फिलहाल का है और न ही इस वीडियो का चक्रवात बिपरजॉय से कोई संबंध है। यह साल 2022 से इंटरनेट पर मौजूद है। वीडियो को अब बिपरजॉय तूफान से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर यूजर ‘Samir Verma’ ने (आर्काइव वर्जन ) वायरल वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा है, “Pleasure for fishermen.  it happens at #Puri beach recently. #CycloneBiporjoy #Odisha #viralvideo.”

अनुवाद : मछुआरों के लिए खुशी की बात। यह हाल ही में पुरी समुद्र तट पर हुआ।

पोस्‍ट को सच-समझ कर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड (मछलियां समुद्र किनारे) से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें वीडियो से जुड़ी खबर पुरानी तारीख में कई न्यूज वेबसाइट पर मिली। हमें वायरल वीडियो कई यूट्यूब चैनल पर साल 2022 में अपलोड मिला। पर यहां वीडियो को ओड़िशा नहीं, बल्कि केरल के अलाप्पुझा बीच का बताया गया है। सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो ‘Kairali News’ के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर 21 अगस्त 2022 को अपलोड मिला। यहां इसे अलाप्पुझा बीच का बताया गया है। वीडियो में वायरल वीडियो को साफ़ तौर से देखा जा सकता है। अलाप्पुझा बीच के बारे में सर्च करने पर पता चला कि इसे अलेप्पी बीच भी कहा जाता है। यह केरल में हैं।

सर्च के दौरान हमें ‘OK Malayali ‘ नाम के यूट्यूब चैनल पर भी वायरल वीडियो अपलोड मिला। 20 अगस्त 2022 को अपलोड वीडियो में वायरल वीडियो का लंबा वर्जन मिला। यहां भी इसे केरल के अलाप्पुझा बीच का बताया गया है। कई और यूट्यूब चैनल पर भी वीडियो को देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो हमें केरल के नाम से कई जगह अपलोड मिले, जिनसे पता चलता है कि केरल में यह घटना पहले भी हुई है। कई न्यूज वेबसाइट ने वायरल वीडियो को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम का बताया है।

अब हमने चाकरा के बारे में सर्च किया। हमें पता चला कि चक्र (चाकारा ) एक प्राकृतिक घटना है, जो मानसून के दौरान केरल में घटित होती है, जिससे प्रचुर मात्रा में मछलियाँ तटों पर आती हैं। यह दुर्लभ घटना केवल भारतीय राज्य केरल के तटीय जल में देखी जाती है, विशेष रूप से पुरक्कड़ के तट के आसपास और दक्षिण अमेरिका में। मछुआरे इस मौसम को धूमधाम से मनाते हैं। इसके होने का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने ओडिशा के पत्रकार और फैक्ट चेकर सुफियान खान से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वीडियो ओडिशा का नहीं है।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को गलत दावे को शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर भोपाल का रहने वाला है। ट्विटर पर यूजर 2017 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया। समुद्र किनारे मछलियों को पकड़ते लोगों का वायरल वीडियो ओडिशा का नहीं है। वीडियो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है, जिसे अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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