विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिसकर्मी को पीटते बीजेपी कार्यकर्ताओं के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। वीडियो कानपुर का नहीं, बल्कि कोलकाता का है। सितंबर 2022 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कोलकाता पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। उसी घटना के वीडियो को अब गलत संदर्भ में कानपुर का बताते हुए शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया एक पुलिसकर्मी की पिटाई करते हुए कुछ लोगों का वीडियो वायरल हो रहा है। लोगों ने हाथ में बीजेपी का झंडा पकड़ा हुआ है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह कानपुर का है, जहां पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी। भाजपा के राज में पुलिस तक सुरक्षित नहीं है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वीडियो कानपुर का नहीं, बल्कि कोलकाता का है। सितंबर 2022 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कोलकाता पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। उसी घटना के वीडियो को अब गलत संदर्भ में कानपुर का बताते हुए शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘आदेश तोमर रालोद’ ने 16 जून 2023 को वायरल वीडियो को शेयर कर हुए लिखा है, “कानपुर कमिश्नरेट..* *कानपुर में कानून का राज स्थापित करते बीजेपी कार्यकर्ता….बर्रा थाने में BJP नेताओं और पुलिस में भिड़ंत… अब पुलिस भी थाने में सुरक्षित नहीं है,,,,विधानसभा अध्यक्ष के करीबी BJP नेता राकेश तिवारी धरने पर बैठे… पुलिस पिटी है, अब थानेदार को सस्पेंड करने की मांग है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। हमने पाया कि वीडियो में नजर आ रहे पुलिसकर्मी ने सफेद रंग की ड्रेस पहनी हुई है, जो कि बंगाल में पहनी जाती है। साथ ही दुकानों और अन्य जगह पर लगे पोस्टरों पर बंगाली भाषा में लिखा हुआ है। इसी आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। हमें यह वीडियो एनडीटीवी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 13 सितंबर 2022 को अपलोड हुआ मिला। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो कोलकाता का है।
यह वीडियो हमें न्यूज़18 बांग्ला के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड हुआ मिला।
पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक न्यूज रिपोर्ट नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 13 सितंबर 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के नेताओं ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और इसके खिलाफ मार्च निकाला था।
आजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “टीएमसी समर्थकों ने कथित तौर पर भाजपा की रैली पर पथराव किया और बम फेंके। विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार बीजेपी ने सीतलकुची इलाके में रैली निकालने का प्रोग्राम बनाया था। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। लेकिन स्थिति हिंसक हो गई।”
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण कानपुर के रिपोर्टर दिवांकर मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा गलत है। वीडियो का कानपुर से कोई संबंध नहीं है। इस तरह की कोई घटना यहां पर नहीं हुई है।”
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 6.8 हजार लोग फॉलो करते हैं और 4,982 लोग यूजर के मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर मुजफ्फरनगर का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिसकर्मी को पीटते बीजेपी कार्यकर्ताओं के वीडियो को लेकर किया जा रहा वायरल दावा गलत है। वीडियो कानपुर का नहीं, बल्कि कोलकाता का है। सितंबर 2022 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कोलकाता पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। उसी घटना के वीडियो को अब गलत संदर्भ में कानपुर का बताते हुए शेयर किया जा रहा है।
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