Fact Check: केरल में एंटी एनआरसी रैली के पुराने वीडियो को त्रिपुरा के सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा से संबंधित नहीं है। यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है।

Fact Check: केरल में एंटी एनआरसी रैली के पुराने वीडियो को त्रिपुरा के सांप्रदायिक हिंसा से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक रैली के वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित है। इस रैली के वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि केरल में लोगों ने त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ इस तरह से विरोध प्रदर्शन किया। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा हिंसा से संबंधित नहीं है। यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘M Javed Siddiqui’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”Kerala Muslims protest against Tripura Violence.👇🏼”

पड़ताल

हमने इस वीडियो के स्क्रीन शॉट्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें इस वीडियो की झलकियां mannarkkad live नाम के यूट्यूब चैनल पर 3 जनवरी, 2020 को अपलोडेड एक वीडियो में मिलीं। 11 मिनट के इस वीडियो में 5 मिनट के अंतराल के बाद यह दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मन्नारक्कड़ में आयोजित महारैली.”

हमें यह वीडियो 3 जनवरी 2020 को pknishab नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी अपलोडेड मिला। यहाँ भी #rejectnrc #rejectcaa #Mannarkkad जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल किया गया था। यानि वीडियो एंटी एनआरसी प्रोटेस्ट्स के दौरान का था।

https://www.instagram.com/p/B622fqoB-86/

एक यूट्यूब चैनल, ‘हादी मीडिया’ ने भी 18 जनवरी 2020 को इसी वीडियो को शेयर किया था।

दैनिक जागरण के रिपोर्टर अरुण सिंह ने उस समय एंटी एनआरसी प्रोटेस्ट्स को कवर किया था। हमसे बात करते हुए अरुण सिंह ने कन्फर्म किया कि यह वीडियो 2020 केरल का है। उस समय इस विरोध प्रदर्शन में काफी भीड़ उमड़ी थी और यह वीडियो काफी वायरल भी हुआ था।

प्रोफ़ाइल के अनुसार, वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर M Javed Siddiqui दिल्ली में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा से संबंधित नहीं है। यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है।

False
Symbols that define nature of fake news
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