अबु धाबी में हिंदू मंदिर का निर्माण कार्य जारी है, यह अभी तक पूरी तरह से बन कर तैयार नहीं हुआ है। वायरल वीडियो करीब पांच साल पुराना है। इसमें सिर पर पोथी उठा कर चल रही महिला सुल्तान शेख मोहम्मद की पत्नी नहीं हैं। वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। करीब 55 सेकंड के इस वीडियो में काली पोशाक पहने एक महिला अपने सिर पर कोई किताब उठा कर आती दिख रही है, जबकि उसके पीछे सऊदी अरब की सफेद पोशाक में कुछ पुरुष और उनके साथ मुरारी बापू नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किए वादे को निभाते हुए सुल्तान शेख मोहम्मद ने अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनवाया और सुल्तान की बेगम सिर पर रामायण की प्रति लेकर पहुंचीं।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2016 में अबु धाबी के होटल अमीरात पैलेस में हुए धार्मिक कार्यक्रम के दौरान का है। यह कार्यक्रम मुरारी बापू ने आयोजित किया था और वीडियो में सिर पर किताब उठाए चल रही महिला अबु धाबी के सुल्तान की बेगम नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Vinod Kumar Singh ने वीडियो शेयर की, जिसके साथ कैप्शन में लिखा: * सुल्तान शेख मोहम्मद ने अबू धाबी में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपने वादे के अनुसार पहला हिंदू मंदिर बनवाया। * सुल्तान की पत्नी बेगम सिर पर पवित्र रामायण की प्रति लेकर मंदिर की ओर जा रही हैं, और साथ में सुल्तान शेख मोहम्मद, राम कथा वाचक एच। पी। मोरारी बापू भी दिखाई दे रहे हैं। ** सच में अद्भुत दृश्य। view * * यह एक दुर्लभ चित्र है। कृपया इसे सभी को भेजें *
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स काटे और इनमें से एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह वीडियो यूट्यूब पर मिला। यहां यह वीडियो 24 सितंबर 2016 को अपलोड किया गया था और इसे कैप्शन दिया गया था मुरारी बापू—अबु धाबी—दुबई।
यहां से हिंट लेते हुए जब हमने कीवर्ड्स की मदद से इसे ढूंढा तो हमें यह वीडियो मुरारी बापू के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इससे मिलता-जुलता वीडियो मिल गया। इसके कैप्शन में तारीख 17 सितंबर 2016 और मानस किष्किंधा कांड राम कथा अबु धाबी लिखा हुआ था।
हमें बापू की वेबसाइट पर भी इस कार्यक्रम का उल्लेख मिला। कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें यूट्यूब पर इस इवेंट का एक और वीडियो मिला, जिसमें यह बताया गया था कि यह कार्यक्रम अबु धाबी के होटल अमीरात पैलेस में आयोजित किया गया था।
हमने ज्यादा जानकारी के लिए होटल अमीरात पैलेस से ईमेल के जरिए संपर्क किया और उन्हें वायरल वीडियो भेजा। जवाब में हमें सेल्स—कॉन्फ्रेंसेस एंड इवेंट्स डायरेक्टर के पीए क्रिएएंड्रा एकास ने लिखा कि यह वीडियो उन्हीं के होटल में साल 2016 में हुए एक इवेंट का है।
हमें साल 2016 में ही एबीपी न्यूज चैनल को दिए मुरारी बापू का इंटरव्यू भी मिला, जिसमें बापू खुद कह रहे हैं कि सिर पर पोथी उठाने वाली महिला अबु धाबी के सुल्तान की बेगम नहीं, बल्कि आयोजक के परिवार की महिला थी। महिला का नाम सिया था।
हमें साल 2018 में छपा गल्फ न्यूज का फैक्ट चेक आर्टिकल मिला, जिसमें यह बताया गया था कि मुरारी बापू के इस कार्यक्रम में अबु धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयन ने हिस्सा नहीं लिया था। बापू के साथ नजर आ रहा व्यक्ति कॉलमनिस्ट व कमेंटेटर सुल्तान सूद अल काजमी है।
बीएपीएस हिंदू मंदिर अबु धाबी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, मंदिर का निर्माण कार्य अभी जारी है, फिलहाल यह मंदिर बन कर तैयार नहीं हुआ है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Vinod Kumar Singh के बारे में जानने की। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर बिहार के दरभंगा का रहने वाला है।
निष्कर्ष: अबु धाबी में हिंदू मंदिर का निर्माण कार्य जारी है, यह अभी तक पूरी तरह से बन कर तैयार नहीं हुआ है। वायरल वीडियो करीब पांच साल पुराना है। इसमें सिर पर पोथी उठा कर चल रही महिला सुल्तान शेख मोहम्मद की पत्नी नहीं हैं। वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है।
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