Fact Check: रायबरेली का एक साल पुराना वीडियो भ्रामक जानकारी के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय की बच्‍ची के साथ दूसरे समुदाय के लोगों ने रेप करके उसे मौत के घाट उतार दिया। विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि वायरल हो रहा वीडियो एक साल पुराना रायबरेली का है। जिस बच्‍ची के साथ रेप और फिर हत्‍या हुई थी और जिसने इस अपराध को अंजाम दिया, दोनों एक ही समुदाय के थे। इसमें किसी दूसरे समुदाय के लोग शामिल नहीं थे।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

जय भीम जय मीम नाम के पेज पर 6 जुलाई को एक वीडियो अपलोड होता है जिसके डिस्क्रिप्शन में लिखा होता है,“उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिला के रहने वाली शबनम (बदला हुआ नाम)को भक्त आतंकवादियों ने रेप करके पत्थर से सर कूच कर मार डाला वो सिर्फ इसलिए कि वह एक मुसलमान लड़की थी और police भी उन गुंडो से मिली हुई हैं निदा के लाश के साथ कैसे दूरबेह्वार कर रही हैं।”

पड़ताल

विश्वास टीम ने इस पोस्ट की जाँच-पड़ताल की, क्योंकि ये मामला काफी संवेदनशील था और ऐसे मामलों पर समझदारी से तथ्य सामने रखना बेहद ज़रूरी होता है।

पड़ताल की शुरुआत करते समय सबसे पहले हमने इस वीडियो को ध्यानपूर्वक फ्रेम दर फ्रेम देखना शुरू किया। वीडियो करीब 13 मिनट का है और इसमें पहले फ्रेम शॉट में एक ज़नाज़ा जा रहा है। साथ में, कुछ पुलिसवाले और आम लोग दिख रहे हैं। उस पर कुछ लोग बार-बार बोल रहे हैं पुलिसवालों से “रखिये साहेब रखिये” इसके साथ तेज़ी से चलते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो के ऊपर “जय भीम जय मीम” लिखा हुआ है। लगातार कुछ लोग पुलिस से बहस करते चल रहे हैं और लाश को ले जाने से रोकते नज़र आ रहे हैं।

पूरे वीडियो को अगर ध्यान से सुनें और देखें तो फुटेज में साफ़ दिखता है कि कुछ लोग लाश को ले जाने से रोक पुलिस को बोल रहे हैं और मुख्यमंत्री को बुलाते दिख रहे हैं। वीडियो को देखने के बाद हमने गूगल पर उचित कीवर्ड लगाकर शबनम (बदला हुआ नाम) रेप केस को सर्च किया।

लाइव हिंदुस्तान ( हिन्दुस्तान टीम ,रायबरेली) का एक आर्टिकल मिला जिसमें इस हादसे को लेकर लिखा गया था और यह लेख 7 जुलाई 2018 को पब्लिश हुआ था जिसकी हेडलाइन थी ” यूपी: रायबरेली में नाबालिग किशोरी की रेप के बाद हत्या ”

यूट्यूब पर हमें कुछ चैनल्स के वीडियो मिले जिसमें इस खबर को कवर किया गया था। हमें एक वीडियो हाथ लगा जो “वीवी टी” यूट्यूब नामक चैनल का था। इसमें करीब 2 मिनट के वीडियो को 9 जुलाई 2018 को अपलोड किया गया था। उसमें इस तरह की फुटेज का प्रयोग किया गया था।

वीडियो के डिस्क्रिप्शन में साफ़ लिखा था, “रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में किशोरी को अगवा करके दरिंदे ने रेप किया और बाद में ईंटों से चेहरा कूच-कूच कर उसकी निर्मम हत्या कर दी।” यानि की ये मामला करीब एक साल पुराना था और वीडियो एक अलग दावे के साथ अब शेयर किया गया। हमें इस खबर की तमाम जानकारियां अखबारों और न्‍यूज पोर्टल्स में भी मिलने लगी।

पूरा मामला क्या है ?

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में 12 साल की शबनम को अगवा करके आरोपी ने सुनसान इलाके में जाकर रेप किया और बाद में ईंटों से चेहरा कूच-कूच कर उसकी निर्मम हत्या कर दी, ताकि बच्ची उसका सच घर पर न बताये।

बच्ची की लाश पास के गांव के नज़दीक झाड़ियों में मिली। शबनम के गायब होने के बाद परिजन इधर-उधर ढूंढते हुए रात भर भटकते रहे। सुबह गांव के बाहर कुछ दूरी पर एक सुनसान स्थान पर उसका शव मिला। पीड़िता की लाश मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। शबनम अपने नाना के पास अपनी दो बहनों के साथ रहती थी और जिस दिन ये हादसा हुआ उस दिन वो नाना की बकरियों को ढूंढ़ने पास के जंगल गई थी और शाम को वही अपनी बकरी को ढूंढ रही थी। तभी उसको किसी ने अगवा कर लिया था। सूचना पर एसपी सुजाता सिंह पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम और सर्विलांस टीम भी घटनास्थल पर पहुंची थी। बाद में आरोपी ताज को गिरफ्तार कर लिया गया था।

मामले पर क्या हुयी कार्रवाई ?

आरोपी ताज को गिरफ्तार किया गया और उसने पुलिस के आगे अपने अपराध को कबूला।आरोपी को जेल भेज दिया गया था।

अब अगर वीडियो पर किया गए दावे पर गौर किया जाये तो आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय से थे और गलत दावे के साथ इस वीडियो को दोबारा वायरल किया गया। इस तरह की पोस्ट अक्सर एकता और भाईचारे की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए गलत मक़सद से वायरल की जाती है,लेकिन अगर सावधानी और सतर्कता से इस तरह के मामलों को देखा जाये तो हम फेक न्यूज़ के जंजाल से बच सकते हैं।

इस सिलसिले में हमने इमाम डॉक्टर उमैर मुहम्मद इलियासी, मुख्य इमाम (अखिल भारतीय इमाम संगठन) से बातचीत की, जिन्होंने अपने सन्देश में बोला “सबसे पहले हम भारतीय हैं और हमें भारत की बात सबसे ऊपर करनी चाहिए। यह मुल्क़ धर्म-जाति-संप्रदाय सबसे ऊपर है। आपसी भाईचारा-प्यार और एकता को बनाये रखने के लिए हमें सच्चा भारतीय बनना चाहिए और अपने देश को आपस में मिलकर और मजबूत बनाना चाहिए। सोशल मीडिया की ऐसी ख़बरों को जो आपसी भाईचारे को तोड़ती है, उनको आंख बंद करके सच मन लेते हैं। बिना तथ्य को जाने हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, हमारा देश सबसे पहले है।”

अब बारी थी ” जय भीम जय मीम ” पेज की सोशल स्कैनिंग की। इस पेज के 7,846 लाइक हैं और 9,998 लोग इसे फॉलो करते हैंं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह वीडियो पुराना है और गलत दावे के साथ अब फिर से वायरल किया जा रहा है|

डिस्क्लेमर: इंटरनल ऑडिट के दौरान विश्वास न्यूज की पॉलिसी और SOP के मुताबिक इस स्टोरी में इस्तेमाल की गई दो तस्वीरों को 28 अगस्त 2019 को हटाया गया है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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