Fact Check: म्यांमार के पुराने वीडियो को पश्चिम बंगाल का बता कर फैलाया जा रहा है झूठ

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की और हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। म्यांमार के 2017 के वीडियो को अब कुछ लोग भारत के पश्चिम बंगाल से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। वीडियो में कुछ लोगों को बॉर्डर पार करते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल का वीडियो है, जहां पडोसी देश के लोग अवैध रूप से बॉर्डर पार कर बंगाल में घुस रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की और हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। म्यांमार के 2017 के वीडियो को अब कुछ लोग भारत के पश्चिम बंगाल से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Roy Bishal ने इस वीडियो को अपलोड किया। इसे लेकर दावा किया गया : ‘बंगालियों के पेट में लात मारकर हजारों अवैध अप्रवासी बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं, बंगालियों को इसकी कोई चिंता नहीं है….”

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड किया। इसके बाद इसके कई वीडियो ग्रैब्‍स निकालकर गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। सर्च के दौरान वायरल वीडियो हमें कई जगह मिला। तुर्की की न्यूज़ एजेंसी अनादोलु एजेंसी ने अपने वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो को 2 सितम्बर 2017 को अपलोड किया था। यह वीडियो वायरल वीडियो का लंबा संस्करण था। 2 मिनट के इस वीडियो में 50 सेकंड के मार्क पर वायरल झलकियां देखी जा सकती हैं। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था, “अनुवादित: सेना और बौद्ध राष्ट्रवादियों के हमलों से बचकर बांग्लादेश की सीमा पार करने की कोशिश कर रहे म्यांमार के अराकान प्रांत में सीमा पर रोहिंग्या मुसलमानों का इंतजार चिंताजनक है.”

हमें Aksu TV Haber नाम के तुर्की यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो की झलकियां मिलीं। यहां भी इस वीडियो में जानकारी दी गयी थी कि वीडियो म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर का है।

हमने इस विषय में अनादोलु एजेंसी के लैंग्वेज एडिटर मेहमत ओज़टर्क से ट्विटर के ज़रिये संपर्क साधा। इस वीडियो को देखकर उन्होंने कहा, “अनादोलु एजेंसी के यूट्यूब पेज पर दी गयी जानकारी बिल्कुल सही है। वीडियो म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर का है। उस समय सेना और मिलिटेंट्स के बीच हुए तनाव के बाद हजारों म्यांमारी रोहिंग्या पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग गए।”

हमने इस विषय में दैनिक जागरण के बंगाल एडिटर जे के वाजपेयी से भी बात की। उन्होंने भी कन्फर्म किया कि वीडियो बंगाल का नहीं है।

पड़ताल के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद हमने उस यूजर की जांच की, जिसने बांग्‍लादेश के वीडियो को पश्चिमी बंगाल का बताकर वायरल किया। हमें पता चला कि यूजर Roy Bishal बंगाल का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की और हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। म्यांमार के 2017 के वीडियो को अब कुछ लोग भारत के पश्चिम बंगाल से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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