Fact Check: गाजियाबाद में पुलिसकर्मी की पिटाई का दो साल पुराना वीडियो बरेली का बता कर वायरल

वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो बरेली का नहीं, बल्कि गाजियाबाद का है और करीब दो साल पुराना है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला एक पुलिसकर्मी को चप्पल से पीटती दिख रही है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो बरेली के सिविल लाइंस का है, जहां पुलिस के चालान काटने पर मुसलमानों ने उनकी पिटाई कर दी।

विश्वास न्यूज ने जब वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि यह घटना गाजियाबाद की थी और साल 2018 की है। घटना में कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं था।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Vikesh Kumar Rajput ने यह पोस्ट शेयर करते हुए लिखाः बरेली सिविल लाईन्स न्यूज पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानो ने उनकी पिटाई की, जो कानून को चुनौती है, यह विडियो बताता है कि आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा, कौन देश चलाएगा, सबका भविष्य क्या होगा, सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से  खतरा है

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स काटे और फिर उनमें से एक कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें कुछ मीडिया रिपोर्टस मिलीं। 28 अगस्त 2018 को प्रकाशित इन मीडिया रिपोर्टस की मानें तो घटना लोनी बाॅर्डर इलाके में एसबीआई बैंक के बाहर की है। बैंक में आधार कार्ड एनरोलमेंट के चलते एक युवक की झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिसकमी ने उसे थप्पड़ मार दिया। अपने बेटे को थप्पड़ मारे जाने से नाराज महिला ने पुलिसकर्मी को चप्पल से पीटना शुरू कर दिया। किसी भी मीडिया रिपोर्ट में मुस्लिम युवक का चालान काटने के दावे की पुष्टि नहीं हुई।

हमें गाजियाबाद पुलिस का 27 अगस्त 2018 का एक ट्वीट भी मिला। ट्वीट में गाजियाबाद एसएसपी वैभव कृष्णा की बाइट है। उन्होंने बताया कि घटना लोनी बाॅर्डर की है, जहां एक बैंक में किसी व्यक्ति की बैंककर्मी से नोकझोंक हो गई। इसके बाद बैंक की तरफ से पुलिस को वहां बुलाया गया। मौके पर पीआरवी भी पहुंची और वीडियो में पीआरवी कर्मी से महिला हाथापाई करती दिख रही है। इस मामले में दो अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।

हमें बरेली पुलिस का 21 जनवरी 2021 को किया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें बरेली पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि यह मामला लगभग दो साल पुराना है और गाजियाबाद जिले से संबंधित है।

हमने बरेली एसपी राहित सिंह सजवन से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लेकिन यह घटना बरेली की नहीं, गाजियाबाद की है और करीब दो साल पुरानी है।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Vikesh Kumar Rajput के बारे में जानने की। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो बरेली का नहीं, बल्कि गाजियाबाद का है और करीब दो साल पुराना है।

False
Symbols that define nature of fake news
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