2020 में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के वीडियो को तवांग सेक्टर में भारत और चीन के बीच हालिया झड़प का बताकर वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो क्लिप चीन के कई सरकारी चैनलों पर चलाए गए वीडियो फुटेज का हिस्सा है, जिसे उन्होंने गलवान संघर्ष के कई महीनों बाद जारी किया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत और चीन के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प की घटना सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तवांग में हुई हालिया सैन्य झड़प का है। वायरल क्लिप किसी वीडियो बुलेटिन का हिस्सा है, जिसे शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह हालिया सैन्य झड़प में घायल चीनी सैनिकों का वीडियो है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो 2020 में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का है, जिसे नौ दिसंबर 2022 को तवांग सेक्टर में हुई सैन्य झड़प का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘sandeep sajuma’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”बोला था न भारतीय सेना से नो पंगा,भुगतो अब मोमोस,#tawang #ArunachalPradesh”
कई फेसबुक यूजर्स भी इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। सभी यूजर्स इस वीडियो को हालिया सैन्य झड़प में चीनी सैनिकों को हुए नुकसान को बताकर शेयर कर रहे हैं।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर 2022 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई सैन्य झड़प की घटना के सामने आने के बाद 13 दिसंबर 2022 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों में बयान देकर स्थिति को स्पष्ट किया। रक्षा मंत्री के बयान के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांगशे एरिया में 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर अतिक्रमण कर वर्तमान स्थिति को बदलने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण की इस कोशिश का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चीनी सैनिकों को वापस जाने पर मजबूर कर दिया।
सिंह ने बताया कि इस झड़प में भारतीय सेना के किसी जवान की न तो मृत्यु हुई और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस झड़प में चीनी फौज को ज्यादा नुकसान का दावा किया गया है और इसी संदर्भ में वायरल वीडियो को शेयर करते हुए बताया जा रहा है कि यह हालिया झड़प का वीडियो है, जिसमें कई चीनी सैनिक घायल नजर आ रहे हैं।
वायरल क्लिप किसी वीडियो बुलेटिन का हिस्सा लग रहा है, जिसमें सैनिकों को अन्य भाषा में बात करते हुए देखा और सुना जा सकता है। वायरल वीडियो क्लिप के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें चीन के सरकारी अंग्रेजी भाषी न्यूज चैनल ‘CGTN’ के वेरिफाइड यूट्यूब पोर्टल पर करीब एक साल पुराना अपलोड किया हुआ वीडियो मिला। करीब छह मिनट लंबे वीडियो में 1.43-1.57 मिनट के फ्रेम में उसी वीडियो को देखा जा सकता है, जिसे हालिया तवांग झड़प का बताकर वायरल किया जा रहा है।
20 फरवरी 2021 को अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो पिछले साल 2020 में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प का है, जिसमें चार चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिकों की मौत हो गई थी। इसके अलावा एक रेजिमेंटल कमांडर की मौत हो गई थी।
तेलंगाना टुडे की वेबसाइट पर 19 फरवरी 2021 की रिपोर्ट में भी लगी तस्वीर वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट है। फोटो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह 15 जून 2020 को गलवान में हुई झड़प का है, जिसमें चीनी सैनिक घायल हो गए थे और चीन ने इस घटना के कई महीनों बाद अपने सैनिकों के मारे जाने की बात को स्वीकार किया था।
कई अन्य यू-ट्यूब चैनलों पर यही वीडियो समान दावे के साथ लगा मिला। एक अन्य यूट्यूब चैनल ‘НОВОСТИ С ВОЙНЫ’ पर भी यह वीडियो 2020 में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की जानकारी के साथ मौजूद है।
सभी वीडियो में इस फुटेज को 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प का बताया गया है। वायरल वीडियो क्लिप को लेकर हमने भारतीय सेना के प्रवक्ता से संपर्क किया है। उनकी तरफ से जवाब आने पर इस स्टोरी को अपडेट किया जाएगा।
गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के वीडियो क्लिप को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हालिया झड़प का बताकर शेयर करने वाले यूजर को ट्विटर पर करीब छह हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के वीडियो को तवांग सेक्टर में भारत और चीन के बीच हालिया झड़प का बताकर वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो क्लिप चीन के कई सरकारी चैनलों पर चलाए गए वीडियो फुटेज का हिस्सा है, जिसे उन्होंने गलवान संघर्ष के कई महीनों बाद जारी किया था।
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