हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह जानकारी गलत है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं, जिनका हाल में लगी उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम) सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें जंगल में लगी आग की 2 तस्वीरें हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह दोनों तस्वीरें उत्तराखंड के जंगलों में फैली आग की हैं। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह जानकारी गलत है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं, जिन्हें गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या हो रहा है वायरल?
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही इस पोस्ट में जंगल में लगी आग की 2 तस्वीरें हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि यह दोनों तस्वीरें उत्तराखंड के जंगलों में फैली आग की हैं। पोस्ट में क्लेम किया गया है, “हे प्रभु रक्षा करिये !! इस समय पूरा देश व भारत भीषण परेशानियों का सामना कर रहा है कोरोना तो है ही अभी बंगाल में अम्फान और फिर किसानों पर टिड्डी दल का हमला इन से उभर ही रहे है की उत्तराखंड में जंगल मे आग लग गई 4 दिन से उत्तराखंड जल रहा है ईश्वर रक्षा करिये अब ओर पीड़ा मत दीजिये पशु पक्षी पेड़ पौधों को….पक्षियों की प्रजातियों और वन्यजीवों में से आधे से अधिक खतरे में हैं।#UttarakhandForestFire #uttarakhand”.
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
हमने अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए सबसे पहले इन दोनों तस्वीरों को जांचा। पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर हमें आउटलुक की एक गैलरी में यह तस्वीर मिली। तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा था- उत्तराखंड फायर और लिखा था अनूप साह फोटोग्राफी।
हमने पुष्टि के लिए इस तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर और पद्मा अवॉर्डी अनूप साह से संपर्क साधा। हमसे फोन पर बात करते हुए उन्होंने कन्फर्म किया, “यह तस्वीर मैंने 2016 उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर के समय खींची थी। यह तस्वीर अभी की नहीं है। इस वर्ष अभी तक जंगल की आग उतनी भयावह नहीं है।”
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। पहले ही पेज पर हमें magazine.columbia.edu पर एक खबर में यह तस्वीर मिली। 2017 में पब्लिश की गई इस स्टोरी के मुताबिक, यह तस्वीर 2017 में अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में लगी आग के दौरान की है।
हमने पुष्टि के लिए उत्तराखंड फ़ॉरेस्ट फायर के मुख्य संरक्षक बी.के.गांगटे से फ़ोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया, “यह दोनों तस्वीरें गलत दावों के साथ शेयर की जा रही हैं। उत्तराखंड में कुछ हिस्सों में आग लगी थी, लेकिन वह इतनी भयावह नहीं थी और यहां हालात काबू में हैं। हमें इस फर्जी पोस्ट के बारे में जानकारी है। फर्जी/गलत फोटो फैलाने के आरोप में देहरादून में साइबर क्राइम ब्रांच के पास हमने एफआईआर भी दर्ज की है।”
इस पोस्ट को ‘अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ जिला उज्जैन’ नाम के एक फेसबुक पेज ने मई 27 को शेयर किया था। इस पेज के कुल 544 फेसबुक फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह जानकारी गलत है। वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं, जिनका हाल में लगी उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर से कोई संबंध नहीं है।
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