Fact Check : छात्र लीग की रैली के पुराने वीडियो को बांग्लादेश के हिंदू विरोध प्रदर्शन का बताकर किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर भगवा कपड़े पहने और झंडे पकड़े रैली निकालते लोगों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह ढाका का है। जहां पर हिंदू समुदाय ने उन पर हो रहे हमले के विरोध में रैली निकाली है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब एक साल पुराना है। जब बांग्लादेश छात्र लीग ने भगवा पहनकर और भगवा झंडे लेकर रैली निकाली थी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर विजय तिवारी ने 11 अगस्त वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ढाका की सड़कों पर भगवासैलाब ..बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में बांग्लादेश के हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं.!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट বাংলাদেশ ছাত্রলীগ নেত্রকোনা জেলা শাখা -১৯৪৮ नामक एक फेसबुक पेज पर मिली। पोस्ट को 1 सितंबर 2023 को शेयर किया गया था। मौजूद जानकारी के अनुसार, यह तस्वीरें बांग्लादेश की उपजिला छात्र लीग और नगरपालिका छात्र लीग की ओर से निकाली गई रैली का है। छात्र संघ ने यह रैली राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और उनकी पत्नी बंगमाता बेगम शेख फाजिलतुन्नेस मुजीब की याद में उन्हें समर्पित करते हुए निकाली थी।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक न्यूज रिपोर्ट बांग्लादेश की वेबसाइट ‘द बिजनेस स्टैंडर्ड’ पर मिली। रिपोर्ट को 1 सितंबर 2023 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, अवामी लीग से जुड़े छात्र संगठन छात्र लीग ने यह रैली निकाली थी। रैली गफरगांव उपजिला से होते हुए सुहरावर्दी उद्यान में पहुंची थी। कार्यक्रम को सुहरावर्दी उद्यान में आयोजित किया गया था। इसमें शामिल होने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए पहुंची थी।

हमें वायरल वीडियो से जुड़े कई वीडियो फेसबुक पेज নৌকা মার্কায় ভোট দিন और यूट्यूब चैनल अनारुल इस्लाम पर 2 सितंबर को  इसी जानकारी के साथ अपलोड हुआ मिला। 

अधिक जानकारी के लिए हमने बांग्लादेश स्थित रयूमर स्कैनर के फैक्ट चेकर मोहम्मद शकीउज्जमन से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 10 हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि हिंदुओं के भगवा रैली निकालने के नाम से वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि करीब एक साल पुराना है। जब बांग्लादेश छात्र लीग ने भगवा पहनकर और भगवा झंडे लेकर रैली निकाली थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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