विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करते आरएसएस कार्यकर्ताओं की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीरें हालिया वायनाड हालत की नहीं, बल्कि केरल की करीब 6 साल पुरानी है, जब आरएसएस स्वयंसेवक केरल में आई बाढ़ में लोगों की मदद कर रहे थे।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आपदा में लोगों की मदद करते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की कुछ तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह केरल के वायनाड में आई बाढ़ की तस्वीरें हैं, जहां पर लोगों की मदद करने के लिए आरएसएस के स्वयंसेवक पहुंचे।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीरें हालिया वायनाड हालत की नहीं, बल्कि केरल की करीब 6 साल पुरानी है, जब आरएसएस कार्यकर्ता केरल में आई बाढ़ में लोगों की मदद कर रहे थे।
फेसबुक यूजर हरेंद्र शर्मा ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “वायनाड में आरएसएस के लोग हिंसा करते हुवे देखे जा सकते हैं ,जिससे वहां के त्रस्त दिखाई दे रहे हैं। हिंसा हिंसा ओर हिंसा, असत्य असत्य असत्य…वायनाड में मुस्लिम आबादी 41% है और यह राहुल गांधी के लिए सबसे सुरक्षित सीट है लेकिन जब आपदा आती है तो रागा, जिन्हें वायनाड के लोगों ने सांसद चुना है, कहीं नजर नहीं आते। यह आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) है जो धर्म, जाति और विचारधारा से परे सेवा में विश्वास रखता है और लोगों की मदद करता है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीरें बबली चतुवेर्दी नामक एक फेसबुक अकाउंट पर मिला। तस्वीरों को 19 अगस्त 2018 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, साल 2018 में केरल में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। इस दौरान आरएसएस के स्वयंसेवक पीड़ितों की मदद करने के लिए पहुंचे थे। ये तस्वीरें उसी दौरान की हैं।
सर्च के दौरान हमें पहली तस्वीर एक्स यूजर डॉ.जितेंद्र अमलानी नामक शख्स के अकाउंट पर 16 अगस्त 2018 को प्रकाशित मिली। तस्वीर को शेयर करते हुए इसे केरल में आई बाढ़ में मदद करते आरएसएस स्वयंसेवक का बताया गया है।
दूसरी तस्वीर हमें आरएसएस रेंगाली,संबलपुर नामक एक फेसबुक अकाउंट पर 18 अगस्त 2018 को शेयर हुई मिली। यहां पर भी तस्वीर को केरल का बताया गया है। साथ ही कई अन्य तस्वीरों को भी शेयर किया गया है।
तीसरी तस्वीर हमें वीएसकेतमिलनाडु नामक एक वेबसाइट पर मिली। वायरल तस्वीर के साथ कई अन्य तस्वीरों को शेयर करते हुए इसे केरल के कई इलाकों में आई बाढ़ से राहत-बचाव कार्य का बताया गया है।
चौथी तस्वीर हमें राष्ट्रदेव नामक एक फेसबुक पेज पर मिली। तस्वीर को 21 अगस्त 2019 को शेयर किया गया है। वीडियो में आरएसएस की कई अन्य तस्वीरों को शेयर करते हुए आपदा में मदद करते हुए स्वयंसेवक का बताया गया है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीरें साल 2018 में कई अन्य यूजर्स की ओर से शेयर हुई मिली।
पड़ताल के दौरान हमें संघ प्रचारक राजेश प्रधान के आधिकारिक एक्स पर दावे से जुड़ा एक ट्वीट मिला। उन्होंने वायनाड में लोगों की मदद करते आरएसएस स्वयंसेवकों की कुछ तस्वीरें और वीडियो को शेयर किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत के पूर्व प्रचार प्रमुख और संघ के जानकार राजीव तुली से विश्वास न्यूज ने इस संबंध में बात की। उनका कहना है कि, वायरल तस्वीर पुरानी हैं। लेकिन आरएसएस स्वयंसेवक राहत बचाव के कामों में आगे बढ़कर लोगों की मदद करते हैं। अभी भी वो वायनाड में काम कर रहे हैं।
अंत में हमने तस्वीरों को भ्रामक दावों के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करते आरएसएस कार्यकर्ताओं की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीरें हालिया वायनाड हालत की नहीं, बल्कि केरल की करीब 6 साल पुरानी है, जब आरएसएस स्वयंसेवक केरल में आई बाढ़ में लोगों की मदद कर रहे थे।
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