Fact Check: रूस में हुए धार्मिक कार्यक्रम को कोरोना से जोड़ भ्रामक तरीके से किया जा रहा वायरल
रूस में हुए धार्मिक कार्यक्रम की एक पुरानी तस्वीर को कोविड-19 से जोड़ भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तस्वीर का कोरोना संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है और ये दुनिया में कोविड-19 संक्रमण के पहले मामले के सामने आने से भी ज्यादा पुरानी तस्वीर है।
- By: ameesh rai
- Published: Aug 27, 2020 at 09:14 PM
- Updated: Sep 8, 2020 at 10:53 AM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान भगवान को भी क्वारंटाइन किया गया है। विश्वास न्यूज़ को अपने फैक्ट चेकिंग चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये तस्वीर और इससे जुड़ा दावा फैक्ट चेक करने के लिए मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। रूस में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम की पुरानी तस्वीर को कोरोना से जोड़ भ्रामक तरीके से वायरल किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में
ये तस्वीर और इससे जुड़ा दावा फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर शेयर किया जा रहा है। Vikram Kumar नाम के एक फेसबुक यूजर ने इस दावे को पोस्ट किया है। इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है:
इस पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने इस दावे के साथ शेयर की जा रही तस्वीर को यांडेक्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल कर सर्च किया। हमें इस तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीरों के कई परिणाम मिले। एक परिणाम बिल्कुल इस तस्वीर जैसा ही था।
ऊपर दिए गए स्क्रीनशॉट में इस सर्च रिजल्ट को देखा जा सकता है। हमने जब इस तस्वीर पर क्लिक किया तो हम vk.com पर पिछले साल 27 जुलाई को पोस्ट किए गए एक लिंक पर पहुंचे। आपको बता दें कि vk.com रूस का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है।
Vishnu-Rata-Das Manakhov नाम के इस यूजर ने पिछले साल 27 जुलाई को इस प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट किया था। उस पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। अभी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर और इस वीडियो में दिख रही तस्वीर एक जैसी ही हैं।
इस वीडियो का कैप्शन रूसी भाषा में लिखा गया था। हमें गूगल ट्रांसलेशन पर इसका इंग्लिश अनुवाद, Darshan of Sri Pancha-Tattva on vacation (2019-07-26 20-20) मिला। दुनिया में कोरोना संक्रमण का पहला मामला दिसंबर 2019 में सामने आया था। यानी अबतक की पड़ताल में एक बात साफ हो गई कि इस तस्वीर का कोरोना से कोई लेना-देना नहीं है।
हमें Vishnu-Rata-Das Manakhov की प्रोफाइल फेसबुक पर भी मिली। उस प्रोफाइल से हमें पता चला कि वो इस्कॉन से जुड़े हुए हैं। हमने नई दिल्ली इस्कॉन नेशनल कम्युनिकेशंस डायरेक्टर वृजेंद्रनंदन दास से संपर्क किया। उन्होंने तुरंत स्पष्ट किया कि ये वायरल दावा पूरी तरह गलत है। उन्होंने हमें इस्कॉन मॉस्को, रूस के टेंपल प्रेसिडेंट साधु प्रिय दास से कनेक्ट किया। वहां से हमें जानकारी मिली कि ये तस्वीर रूस में पिछले साल हुए पंच तत्व प्राण प्रतिष्ठा की है। साधु प्रिय दास ने अपील करते हुए कहा कि लोग इस तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर न करें।
हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Vikram Kumar के प्रोफाइल की सोशल स्कैनिंग की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर सीतामढ़ी का रहने वाला है।
निष्कर्ष: रूस में हुए धार्मिक कार्यक्रम की एक पुरानी तस्वीर को कोविड-19 से जोड़ भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तस्वीर का कोरोना संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है और ये दुनिया में कोविड-19 संक्रमण के पहले मामले के सामने आने से भी ज्यादा पुरानी तस्वीर है।
- Claim Review : सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान भगवान को भी क्वारंटाइन किया गया है।
- Claimed By : Vikram Kumar
- Fact Check : भ्रामक
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