Fact Check : एमएस धोनी की पुरानी तस्वीर को किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर 2022 की है, हालिया नहीं।

Fact Check : एमएस धोनी की पुरानी तस्वीर को किसानों के विरोध प्रदर्शन से जोड़कर  किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पंजाब-हरियाणा सीमा पर जारी किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया में कई फर्जी मैसेज वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में अब महेंद्र सिंह धोनी की एक तस्वीर को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच धोनी किसानों के समर्थन के लिए गुरुद्वारे गए।

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर 2022 की है, हालिया नहीं।

क्या हो रहा है वायरल?

ट्विटर हैंडल Rahul Gandhi fan ने 27 फरवरी 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “M.S Dhoni did not go to Ram mandir Pran prathisthan after being invited but he visited Gurudwara yesterday during ongoing Farmer’s protest. MS Dhoni is a man with spine who is still upholding secular values.” (एम.एस धोनी निमंत्रण मिलने के बाद राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठान नहीं गए, लेकिन चल रहे किसान विरोध के दौरान उन्होंने गुरुद्वारा का कल दौरा किया। एमएस धोनी एक मेधावी व्यक्ति हैं जो अभी भी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रख रहे हैं।)

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/paradise130704/status/1762323876992737371

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर ढूंढा। हमें यह तस्वीर यूके खालसा जत्था के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह आनंद के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 17 जुलाई 2022 को अपलोड मिली।

हमें गुरप्रीत सिंह आनंद और एमएस धोनी की इन्हीं कपड़ों में एक और तस्वीर  गुरप्रीत सिंह आनंद के 1 अक्टूबर 2022 के एक ट्वीट में मिली, जिसमें उन्होंने लिखा था, “अनुवादित: मैं कुछ महीने पहले लंदन के गुरुद्वारा खालसजत्था में एमएस धोनी से मिला था और मैंने देखा कि वह शांत थे, अपने आप में लीन थे और आध्यात्मिक क्षण को आत्मसात करने में सक्षम थे। यह वह आंतरिक शांति है, जो उन स्थितियों में धैर्य प्रदान करती है, जो कई अन्य लोगों को तनावग्रस्त कर सकती हैं।”

अधिक जानकारी के लिए हमने लंदन के खालसा जत्था गुरुद्वारा में कॉल किया। हमारी बात रूपम कौर से हुई। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह तस्वीर लन्दन स्थित खालसाजत्था गुरुद्वारे  के बहार की ही है और पुरानी है।

अंत में हमने तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर राहुल गांधी फैन के ट्विटर अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के लगभग 100 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। यह तस्वीर 2022 की है, हालिया नहीं।

False
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