विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि बरेली रेलवे स्टेशन पर गुम हो जाने की बच्ची की वायरल तस्वीर साल 2016 की है। बच्ची का नाम अवनी जैन है। बच्ची अपने परिवार जनों के साथ नागपुर से भोपाल जाने वाली ट्रेन में सफर कर रही थी। इस दौरान वो नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अपने परिवार जनों से बिछड़ गई और पुलिसकर्मियों को मिली। 20 मिनट के भीतर पुलिसकर्मियों ने बच्ची के परिवार जनों को ढूंढ लिया था और उसे उन्हें सौंप दिया था। तभी से यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बरेली रेलवे स्टेशन पर अपने मां-बाप से अलग हुई बच्ची के नाम से एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें एक पुलिसकर्मी से साथ खड़ी बच्ची की फोटो के साथ लिखा हुआ है कि इसका नाम सोनल पटेल है और यह मुंबई से आने वाली ट्रेन में बरेली में पुलिसकर्मियों को मिली है। यूजर्स इसे जनहित में ज्यादा से ज्यादा शेयर करने की अपील कर रहे हैं।
विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। असल में यह तस्वीर साल 2016 की है। बच्ची का नाम अवनी जैन है। बच्ची अपने परिवार जनों के साथ नागपुर से भोपाल जाने वाली ट्रेन में सफर कर रही थी। इस दौरान वो नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अपने परिवार जनों से बिछड़ गई और पुलिसकर्मियों को मिली। 20 मिनट के भीतर पुलिसकर्मियों ने बच्ची के परिवार जनों को ढूंढ लिया था और उसे उन्हें सौंप दिया था। तभी से यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
फेसबुक यूजर हरीभजन काछी पटना सिंगापुर ने 21 मार्च 2024 को वायरल तस्वीर को शेयर किया था। तस्वीर पर लिखा हुआ है, “ये बिटिया मुंबई से आने बाली ट्रैन में बरेली में मिली है इसका नाम सोनल पटेल है कृपिया अपनी बेटी समझ कर plz आगे शेयर करें जिसकी है उसको मिल जाय ये प्रार्थना भी करें। कर भला तो हो भला।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल फोटो की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक रिपोर्ट याहू (आर्काइव लिंक) की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 25 मई 2016 को प्रकाशित किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, बच्ची का नाम अवनी जैन है। यह नागपुर से भोपाल जाने वाली ट्रेन में सफर कर रही थी और नागपुर रेलवे स्टेशन पर अपने परिवार से बिछड़ गई। पुलिसकर्मियों ने सोशल मीडिया की मदद से 20 मिनट के अंदर बच्ची के परिवार को ढूंढकर उसे उन्हें सौंप दिया।
अन्य न्यूज रिपोर्ट्स (आर्काइव लिंक) को यहां पर देखें।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक पोस्ट तत्कालीन भारतीय रेल मंत्री, सुरेश प्रभु के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। उन्होंने 11 मई 2016 को नगेंद्र शर्मा के एक ट्वीट को रिट्वीट (आर्काइव लिंक) करते हुए कैप्शन में लिखा है कि अवनी को उसके परिवार के साथ देखकर हमें बेहद ही खुशी हुई। बच्ची को उसके माता-पिता तक पहुंचाने के लिए हमने काफी प्रयास किए थे।
पहले भी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। उस दौरान विश्वास न्यूज ने इसका फैक्ट चेक किया था और इस विषय में एएनआई के नागपुर कॉरेस्पॉन्डेंट सौरभ जोशी से बात की थी। उन्होंने हमें बताया था, “यह फोटो 2016 की है। लड़की अपने परिवार के साथ नागपुर से भोपाल जा रही थी। उसके लापता होने के बाद पुलिस ने उसका पता लगाया और उसे उसके परिवार से मिला दिया।”
अंत में हमने फोटो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के साढ़े चार हजार फॉलोअर्स हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि बरेली रेलवे स्टेशन पर गुम हो जाने की बच्ची की वायरल तस्वीर साल 2016 की है। बच्ची का नाम अवनी जैन है। बच्ची अपने परिवार जनों के साथ नागपुर से भोपाल जाने वाली ट्रेन में सफर कर रही थी। इस दौरान वो नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर अपने परिवार जनों से बिछड़ गई और पुलिसकर्मियों को मिली। 20 मिनट के भीतर पुलिसकर्मियों ने बच्ची के परिवार जनों को ढूंढ लिया था और उसे उन्हें सौंप दिया था। तभी से यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
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