Fact Check : अफगानिस्तान में वीजा के लिए जुटी भीड़ की पुरानी तस्‍वीर अब पाकिस्‍तान की बताकर की गई वायरल

विश्वास न्यूज़ की जांच में पाकिस्तान छोड़ने के नाम पर वायरल की जा रही भीड़ की तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है,बल्कि अफगानिस्तान के शहर जलालाबाद की पुरानी तस्वीर है। जिसे अब हाल का बताकर पाकिस्तान से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पाकिस्तान में आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। इसी आर्थिक संकट से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर भीड़ की एक तस्वीर को वायरल किया जा रहा है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि IMF (अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष ) के साथ डील रद्द होने के बाद पाकिस्तान छोड़ने के लिए वीजा लगवाने वाले लोगों की भीड़ पर इस्लामाबाद में लाठीचार्ज किया। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स इस तस्वीर को सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर अफगानिस्तान के जलालाबाद की है। दरअसल 21 अक्टूबर 2020 को जलालाबाद में स्थित पाकिस्तान काउंसलेट में वीजा की अर्जी देने के लिए हजारों की संख्या में अफगान नागरिक इकट्ठे हुए थे और उसी दौरान काउंसलेट के सामने एक स्पोर्ट्स ग्राउंड में जुटी लोगों की भारी भीड़ में टोकन बांटे जाने के दौरान भगदड़ मच गई थी। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है, जिसे अब पाकिस्तान का बताकर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पेज ‘सनातन के सेवक’ ने 15 फरवरी को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “ये आई है दिल को सुकून देने वाली खबर IMF ने पाकिस्तान को कर्जा नही दिया तो पाकिस्तान में खबर गरम है मुल्क नहीं बचेगा अब जिनके भी पास पासपोर्ट है, वो सब मुल्क से भागने की फिराक में हैं। ये फोटु इस्लामाबाद से आई है विदेश भागने का वीजा लगवाने के लिए भगदड़ मच गई है। लाठी चार्ज होने की खबर है। वह मोदी जी क्या दांव खेला है। दिल्ली में बैठके बिना एक भी गोली चलाए पाकिस्तान चित्त।”

कई यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल लेंस का इस्तेमाल किया। इस दौरान हमें ये तस्वीर कई न्यूज़ वेबसाइट पर प्रकाशित खबर में मिली। ‘सी जी टी एन डॉट कॉम’ की वेबसाइट पर 21 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित खबर में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “पूर्वी अफगानिस्तान नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद शहर में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। बयान में कहा गया है कि हजारों लोग वीजा लेने के लिए सुबह पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास के पास एक फुटबॉल स्टेडियम में जमा हुए। स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और परिणामस्वरूप, महिलाओं और बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई और 10 महिलाओं और तीन पुरुषों सहित 13 अन्य घायल हो गए।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान हमें लोकमार्ग डॉट कॉम की वेबसाइट पर भी वायरल तस्वीर मिली। 21 अक्टूबर 2020 को प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, “अफगानिस्तान नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद शहर में पाकिस्तानी वीजा चाहने वालों की भारी भीड़ के बीच मची भगदड़ में कम से कम 12 महिलाओं की मौत हो गई और 12 अन्य घायल हो गए। घटना के समय जलालाबाद में पाकिस्तान दूतावास के पास भीड़ जमा हो गई थी।”

पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर गो फ़्रीस्टी नाम के फेसबुक पेज पर भी 22 अक्टूबर 2020 को शेयर की हुई मिली। तस्वीर को शेयर कर लिखा गया था, “पूर्वी अफगानिस्तान में एक भीड़भाड़ वाले स्टेडियम में भगदड़ मच गई,जिसमें कम से कम 12 महिलाओं की मौत हो गई। महिलाएं चिकित्सा उपचार के लिए पाकिस्तान में प्रवेश करने के लिए वीजा प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हजारों लोगों में शामिल थीं।

‘वॉइस् ऑफ़ अमेरिका’ के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी 21 अक्टूबर 2020 को शेयर की गई थी। हमारी यहां तक की पड़ताल से ये तो साफ़ हुआ कि तस्वीर पुरानी है और अफगानिस्तान के जलालाबाद की है। अधिक जानकारी के लिए हमने पाकिस्तान के आज टीवी के सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर आदिल अली से संपर्क किया। उनके साथ वायरल तस्वीर को शेयर किया। उन्होंने हमें बताया, ये सच है लोग पाकिस्तान छोड़ना चाहते हैं, पर वायरल तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है। पाकिस्तान के किसी दूतावास के बाहर ऐसी स्थिति नहीं है।”

सर्च के दौरान हमें अलजजीरा की 16 फरवरी 2023 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है, “पाकिस्तानी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से नकदी की तंगी से सुरक्षित धन की मदद करने के लिए 170 अरब रुपये ($ 643 मिलियन) का वित्त विधेयक पेश किया है। पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट से निकलने के लिए आईएमएफ से कर्ज की गुहार लगा रहा है, लेकिन आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कई कड़ी शर्तें रखी हैं।

पड़ताल के अंत में हमने वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले यूजर की जांच की। जांच में पता चला कि फेसबुक पर यूजर के 1 हज़ार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में पाकिस्तान छोड़ने के नाम पर वायरल की जा रही भीड़ की तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है,बल्कि अफगानिस्तान के शहर जलालाबाद की पुरानी तस्वीर है। जिसे अब हाल का बताकर पाकिस्तान से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

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