Fact Check: बांग्लादेश में आयी बाढ़ की पुरानी तस्वीर को भारत का बताकर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है। इस तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं हैं।

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज़। भारत में कई जगह आयी बाढ़ के प्रकोप के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिनमें एक बाढ़ग्रस्त जगह पर एक महिला को पानी में तैरते लकड़ी के फट्टे के ऊपर अपने 2 बच्चों के लिए खाना पकाते देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह घटना भारत की है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है। इस तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं हैं।

क्या हो रहा है वायरल?

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है “वर्तमान भारत की जीती जागती तस्वीर। खैर इससे आपको क्या लेना…आप तो मंदिर बनाइये😢”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है

पड़ताल

हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। खोजने पर हमें यह तस्वीर daily-sun.com पर 2017 में प्रकाशित एक खबर में मिली। यह खबर बांग्लादेश में आयी बाढ़ के बारे में थी।

हमें यह तस्वीर एक और बांग्लादेशी न्यूज़ वेबसाइट thefinancialexpress.com.bd पर भी 2017 में प्रकाशित खबर में मिली।

हमें यह तस्वीर pinterest.com पर भी मिली। यहाँ दी गयी जानकारी के अनुसार, इस तस्वीर को शमसुल हक सुजा नाम के फोटोजर्नलिस्ट ने खींचा था। ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि शमसुल हक सुजा एक बांग्लादेशी फोटोजर्नलिस्ट हैं।

हमने इस विषय में द डेली सन के ढाका के डिजिटल रिपोर्टर मोहम्मद मनक़ूल रहमान से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर बांग्लादेश के कुरीग्राम जिले में 2016 में आयी बाढ़ की है।

हमने इस विषय में इस तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर शमसुल हक सुजा से भी संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया “मैंने यह तस्वीर 19/7/2016 को बांग्लादेश के कुरीग्राम जिला के बेगमगंज में खींची थी। उस समय मैं बांग्लादेश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में आयी बाढ़ के बारे में कहानी को कवर करने के लिए एक असाइनमेंट पर था। मुझे एक परिवार मिला जो एक लकड़ी के बेड़े पर कुछ पका रहा था और जब मैं उनसे बात करने गया तो देखा कि माँ अपने बच्चों को हांडी में उबलते पानी का झांसा देकर समझाने की कोशिश कर रही थी कि उनके लिए कुछ पक रहा है और यह वास्तव में हम सभी के लिए दयनीय दृश्य था। इस तस्वीर को खींचने के बाद मेरी टीम ने उस परिवार को भोजन और आश्रय को लेकर मदद की थी।”

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावों के साथ शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं ‘अनीता पंडित’ नाम की एक फेसबुक यूजर। प्रोफाइल के अनुसार, यूजर कानपुर की रहने वाली हैं और उनके फेसबुक पर 3,734 फ़ॉलोअर्स हैं।

डिस्क्लेमर: इस खबर में वायरल तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर शमसुल हक सुजा का कोट उनका जवाब आने के उपरांत 04-08-2021 को जोड़ा गया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह तस्वीर बांग्लादेश की है। इस तस्वीर का भारत से कोई संबंध नहीं हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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