Fact Check: पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुए प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के नाम से वायरल

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू में हुए प्रदर्शनों की पुरानी तस्वीरों को दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वायरल पोस्ट का दावा गलत है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। हिंसक प्रदर्शक को दिखाती इन तस्वीरों को दिल्ली में हुई हालिया हिंसा का बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि तस्वीरें दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा फर्जी निकला है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुए प्रदर्शऩ की तस्वीरों को हाल का बताकर दिल्ली की घटना से जोड़ा जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी फैक्ट चेक के लिए ये दावा मिला है। हमें वॉट्सऐप चैटबॉट पर यूजर की तरफ से Dz pranks नाम के फेसबुक पेज के पोस्ट का एक लिंक मिला है। इस पोस्ट में तीन तस्वीरों का कोलाज शेयर किया गया है। दावा किया गया है कि ये दिल्ली की हालिया तस्वीरें हैं। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इन वायरल तस्वीरों पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इन तस्वीरों से जुड़े ढेरों सर्च रिजल्ट मिले। हमें न्यूज 18 की वेबसाइट पर 18 फरवरी 2019 को प्रकाशित एक फोटोगैलरी मिली। इस फोटो गैलरी में पुलवामा हमले के बाद प्रदर्शन और कर्फ्यू की स्थिति को दिखाया गया है। इसमें कुल 37 तस्वीरें लगाई गई हैं। इस गैलरी में 29 नंबर की तस्वीर और वायरल कोलाज के ऊपरी हिस्से की तस्वीर एक ही हैं। न्यूज 18 पर इस तस्वीर का क्रेडिट न्यूज एजेंसी पीटीआई को देते हुए बताया गया है कि पुलवामा हमले के बाद जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने बंद की घोषणा की थी, जिसके दौरान प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी। न्यूज 18 की फोटो गैलरी में लगी इस तस्वीर को यहां नीचे देखा जा सकता है।

इस तस्वीर में जल रही एक गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर (JK02BF8868) भी जम्मू का ही है। इसी तरह इस फोटो गैलरी की 30 नंबर की तस्वीर और वायरल कोलाज के निचले हिस्से की बाएं साइड वाली तस्वीर एक ही हैं। इन दोनों तस्वीरों में जलती गाड़ी के पास से सुरक्षाकर्मियों को गुजरते देखा जा सकता है। न्यूज 18 की फोटो गैलरी में लगी इस तस्वीर का क्रेडिट भी पीटीआई को दिया गया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

वायरल कोलाज पर गूगल रिवर्स सर्च इमेज टूल का इस्तेमाल करने पर हमें 15 फरवरी 2019 को प्रकाशित द क्विंट की भी एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट भी पुलवामा हमले के ठीक एक दिन बाद जम्मू में हुए प्रदर्शन और कर्फ्यू पर आधारित है। इस रिपोर्ट में भी पीटीआई को क्रेडिट देते हुए जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है, उनमें से 2 तस्वीरें वायरल कोलाज में दिल्ली की हालिया हिंसा की बताई जा रही हैं। क्विंट की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट यहां नीचे देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने वायरल कोलाज में नीचे दाहिने साइड की तीसरी तस्वीर को अलग से क्रॉप कर उसपर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। इस तस्वीर में पगड़ी पहने एक शख्स सामने दिख रहा है और उसके पीछे कुछ लोग खड़े हैं, जिनके आसपास आगजनी दिख रही है। हमें इस तस्वीर से भी जुड़े कई परिणाम इंटरनेट पर मिले। हमें यह तस्वीर मशहूर न्यूज एजेंसी एपी की वेबसाइट पर 16 फरवरी 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। यह रिपोर्ट भी पुलवामा आतंकी हमले से जुड़ी हुई है। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इस फोटो के लिए फोटो जर्नलिस्ट चन्नी आनंद (Channi Anand) को क्रेडिट दिया गया है।

आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सुरक्षाबलों को ले जा रही गाड़ी पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद जम्मू-कश्मीर समेत देशभर में प्रदर्शन हुए थे। विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल में ये साबित हो चुका था कि जिन तस्वीरों को दिल्ली में हुई हालिया हिंसा की बता कर शेयर किया जा रहा है, असल में वे तस्वीरें पुरानी हैं और पुलवामा हमले के बाद जम्मू में हुए प्रदर्शनों की हैं।

विश्वास न्यूज ने इस संबंध में आगे की पड़ताल के लिए पुलित्जर पुरस्कार विजेता एपी के फोटो जर्नलिस्ट चन्नी आनंद से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि तस्वीर पुलवामा हमले के बाद जम्मू में हुए प्रदर्शनों की है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल कोलाज को शेयर करने वाले फेसबुक पेज Dz pranks को स्कैन किया। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज के 2133 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू में हुए प्रदर्शनों की पुरानी तस्वीरों को दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। वायरल पोस्ट का दावा गलत है।

False
Symbols that define nature of fake news
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