Fact Check: बर्लिन में 2019 में हुए किसानों के प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें हाल की बता की जा रहीं वायरल

वायरल तस्वीरें नवंबर 2019 में जर्मनी के बर्लिन में हुए किसान आंदोलनों से संबंधित हैं। इन्हें अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: बर्लिन में 2019 में हुए किसानों के प्रदर्शन की पुरानी तस्वीरें हाल की बता की जा रहीं वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जुड़े अलग-अलग दावे शेयर किए जा रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स कुछ तस्वीरों को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि किसानों ने जर्मनी के बर्लिन में ट्रैक्टर निकाल प्रदर्शन किया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत निकला है। नवंबर 2019 में बर्लिन में हुए प्रदर्शनों की तस्वीर को अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी ये दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। यूजर ने हमारे साथ एक ट्विटर लिंक शेयर कर इसके बारे में जानकारी मांगी है। Amar Sidhu नाम के ट्विटर हैंडल से किए गए इस वायरल ट्वीट में तीन तस्वीरें शेयर कर अंग्रेजी में टेक्स्ट लिखा गया है।इसका हिंदी में मतलब है- ‘जर्मन की राजधानी बर्लिन में आज किसानों का आंदोलन। शहर के केंद्र के प्रमुख स्थल ब्रांडेनबर्ग गेट पर किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ आ गए। लोकतंत्र ऐसे काम करता है।’

13 फरवरी 2021 को किए गए इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यही दावा फेसबुक पर भी मिला। Destination Socialism नाम के फेसबुक पेज पर 14 फरवरी 2021 को किए गए इस पोस्ट में सड़क पर निकले ट्रैक्टरों की तस्वीर दिखा बर्लिन का प्रदर्शन बताया जा रहा है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीरों पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इंटरनेट पर इन तस्वीरों से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें वायरल ट्वीट की पहली तस्वीर फार्मर्स वीकली की साइट (fwi.co.uk) पर 27 नवंबर 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। यह रिपोर्ट बर्लिन में हुए किसान आंदोलनों से जुड़ी है, जो नवंबर 2019 में हुए थे। इस तस्वीर का क्रेडिट Omer Messinger और यूरोपियन प्रेसफोटो एजेंसी को दिया गया है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

वायरल ट्वीट की दूसरी और वायरल फेसबुक पोस्ट की तस्वीर एक ही है। इस तस्वीर पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल करने पर हम फार्मिंग इंडिपेंटेंड की वेबसाइट (independent.ie) पर पहुंचे। इस वेबसाइट पर एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को क्रेडिट देते हुए 26 नवंबर 2019 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह रिपोर्ट भी बर्लिन में किसान प्रदर्शन की है। इसमें हमें वायरल तस्वीर मिली और इसका क्रेडिट एपी के माइकल शॉन (Michael Sohn) को दिया गया है।

कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यह तस्वीर न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की वेबसाइट पर भी मिल गई। इस तस्वीर को 26 नवंबर 2019 को क्लिक किया गया है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

इसी तरह वायरल ट्वीट की तीसरी और अंतिम तस्वीर पर भी हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हम thelocal.de वेबसाइट पर पहुंचे। इस वेबसाइट पर 26 नवंबर 2019 को एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है। यह रिपोर्ट भी तब बर्लिन में हुए किसान आंदोलनों से जुड़ी है। इसमें वायरल तस्वीर का क्रेडिट जर्मन न्यूज एजेंसी DPA को दिया गया है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से ये बात साबित हो चुकी थी कि ये तस्वीरें नवंबर 2019 में बर्लिन में हुए किसान आंदोलनों की हैं। हमने अपनी पड़ताल आगे बढ़ाते हुए फोटोग्राफर Omer Messinger और जर्मन न्यूज एजेंसी DPA से मेल के जरिए संपर्क किया। हमने उनके साथ वायरल तस्वीरें साझा कर इस बारे में जानकारी मांगी।

DPA की अलेंक्जेंड्रा ने हमें मेल पर बताया कि वायरल तस्वीर उन्हीं की एजेंसी की है और इसे 26 नवंबर 2019 को बर्लिन में किसान आंदोलनों के दौरान लिया गया है। इसी तरह फोटोग्राफर Omer Messinger ने हमें मेल पर बताया कि यह तस्वीर उन्होंने यूरोपियन प्रेसफोटो एजेंसी (EPA) के लिए एक असाइनमेंट के दौरान ली थी। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से इतने बड़े पैमाने पर अभी लोग इकट्ठा नहीं हो रहे हैं। अभी छोटे पैमाने पर किसान आंदोलन हो रहे हैं। उन्होंने हमारे साथ EPA की वेबसाइट का वह लिंक भी शेयर किया, जहां वायरल तस्वीर मौजूद है। इसपर भी बताया गया है कि वायरल तस्वीर को 26 नवंबर 2019 में बर्लिन किसान आंदोलन के दौरान क्लिक किया गया है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Amar Sidhu की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल अक्टूबर 2017 को बनाई गई है। यूजर माझा, पंजाब के रहने वाले हैं और फैक्ट चेक किए जाने तक इस प्रोफाइल के 888 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: वायरल तस्वीरें नवंबर 2019 में जर्मनी के बर्लिन में हुए किसान आंदोलनों से संबंधित हैं। इन्हें अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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