Fact Check: पश्चिम बंगाल की पुरानी तस्वीर असम के नाम से हो रही वायरल

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है। वायरल हो रही तस्वीर ताजा नहीं है और न ही इसका असम से कोई लेना-देना है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सड़क पर सब्जियां बिखरी दिख रही हैं और एक युवक इन्हें एकत्रित करता दिख रहा है। तस्वीर को असम का बताकर शेयर किया जा रहा है। दावा है कि असम पुलिस कर्फ्यू के नाम पर आम जनता को तकलीफ दे रही है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है।

दरअसल वायरल तस्वीर मई 2020 में पश्चिम बंगाल में खींची गई थी। इस तस्वीर का असम से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Kalpajit Gogoi ने 13 मई को तस्वीर शेयर करते हुए बंगाली भाषा में कैप्शन लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है : इस तरह की अमानवीयता न दिखाएं, किसान धूप व बारिश में दिन रात मेहनत कर इन्हें उगाता है, अगर चाहो तो एक दिन के लिए खाकी उतार कर खेत में मेहनत करने उतरो, आप खुद ही समझ जाओगे। #AssamPolice. #DGP Assam

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट में किए गए दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से तस्वीर को ढूंढा तो हमें यह तस्वीर 9 मई 2020 को प्रकाशित हुए एक ब्लॉग में मिली। हमें यह तस्वीर 4 मई 2020 को किए गए एक फेसबुक पोस्ट में भी मिली, जहां इसे पश्चिम बंगाल के बारासात के पायनीर मार्केट का बताया गया था।

कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें 5 मई 2020 के ही बहुत सारे ट्वीट्स भी मिले, जिनमें यह तस्वीर इस्तेमाल की गई थी। यह तस्वीर तब की है, जब पिछले साल लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार ने शराब की दुकानें खोलने का निर्णय लिया था और देश में कई जगहों से सब्जी व फ्रूट विक्रेताओं के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आ रही थीं।

ज्यादा जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने असम के अखबार असोम्य प्रतिदिन के सीनियर सब एडिटर बिद्युत कुमार शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर कई बार उनके सामने आई है। यह तस्वीर असम की नहीं है, पश्चिम बंगाल की है।

अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Kalpajit Gogoi की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर असम के डिगबोई के रहने वाले हैं और खबर लिखे जाने तक उनके 1812 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है। वायरल हो रही तस्वीर ताजा नहीं है और न ही इसका असम से कोई लेना-देना है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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