Fact Check : दीपिका पादुकोण पर निशाना साधने के लिए भ्रामक दावे के साथ इस्‍तेमाल की गई पुरानी तस्‍वीर

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में दीपिका पादुकोण को लेकर किया गया दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्‍वीर 2011 की है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। रणवीर सिंह के न्‍यूड फोटो शूट के बाद उनकी पत्‍नी और बॉलीवुड की अदाकारा दीपिका पादुकोण पर एक पुरानी तस्‍वीर के जरिए निशाना साधा जा रहा है। इस तस्‍वीर में उन्‍हें किसी दरगाह के अंदर सिर पर चादर ले जाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए दीपिका के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वायरल तस्‍वीर 2011 की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मनोज चौहान ने 27 जुलाई को दीपिका पादुकोण की एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘खुद का “खसम” नंगा पड़ा है और ये मुर्देको कपड़े पहनाने जा रही है…’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले दीपिका पादुकोण की वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल के माध्‍यम से खोजना शुरू किया। सर्च के दौरान ओरिजनल तस्‍वीर हिन्दुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में मिली। इसमें बताया गया कि दीपिका पादुकोण अजमेर के ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर पहुंचीं। यह खबर 31 अगस्‍त 2011 को प्रकाशित की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

सर्च के दौरान हमें एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसमें दीपिका पादुकोण को दरगाह में चादर चढ़ाते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को 30 अगस्‍त 2011 को स्‍वामी न्‍यूज ने अपलोड किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए अजमेर के चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती से संपर्क किया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि दीपिका पादुकोण की वायरल तस्‍वीर काफी पुरानी है। हाल-फिलहाल में वे अजमेर नहीं आई हैं।

पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर मनोज चौहान यूपी के कानपुर में रहता है। यह अकाउंट फरवरी 2010 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में दीपिका पादुकोण को लेकर किया गया दावा गलत साबित हुआ। वायरल तस्‍वीर 2011 की है।

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