विश्वास न्यूज ने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2014 के एक कार्यक्रम की है। उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार थे। साथ ही जांच में हमें यह भी पता चला कि कर्नल निज़ामुद्दीन का निधन साल 2017 में हो चुका है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग व्यक्ति के पैर छूते पीएम मोदी की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को अभी का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि यह सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर और बॉडीगार्ड रहे निजामुद्दीन हैं, जिन्हें पीएम मोदी ने बुलाकर सम्मान दिया।
विश्वास न्यूज ने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2014 के एक कार्यक्रम की है। उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार थे। साथ ही जांच में हमें यह भी पता चला कि कर्नल निज़ामुद्दीन का निधन साल 2017 में हो चुका है।
फेसबुक यूजर ‘संतोष मिश्रा’ ने 24 मई 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “श्री निजामुद्दीनजी के चरण स्पर्श करते प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी। निजामुद्दीनजी नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ड्राइवर तथा बॉडी गार्ड थे। इतिहास के पन्नों में खोया यह शख्स बेहद गरीबी में जी रहा था। आज उनकी खोज करके उन्हें पर्याप्त सम्मान दिया। उनकी बुढ़ापे की सारी जरूरतों की पूर्ति की गई। इस मौके पर निजामुद्दीन जी के शब्द बहुत ही हृदयस्पर्शी थे। उन्होंने कहा —” खोज करके यह इज्ज़त देना, एक देशभक्त इन्सान ही यह कर सकता है।” *ऐंसै हैं हमारे लोकप्रिय मोदीजी!* जय हिन्द जय भारत।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट अमर उजाला की वेबसाइट पर 8 मई 2014 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “भारतीय जनता पार्टी के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के रोहनिया में चुनावी रैली को संबोधित किया, तो उन्होंने काशी के विकास का मॉडल सामने रखा। नरेंद्र मोदी ने अपना भाषण शुरू करने से पहले कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। कर्नल निजामुद्दीन, जो स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सदस्य रहे हैं। कर्नल निजामुद्दीन सुभाष चंद्र बोस की गाड़ी चलाया करते थे और उन्होंने सिंगापुर में इस फौज का हिस्सा बनने का फैसला किया था। वो 11 भाषाएं जानते हैं और अपने दौर में गजब के निशानेबाज रहे हैं। उन्होंने अंग्रेजों का एक विमान मार गिराया था।”
पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट 9 मई 2014 को इन खबर नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुई मिली। मौजूद जानकारी के मुताबिक, बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने 107 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी कर्नल निजामुद्दीन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
बीबीसी की वेबसाइट पर 6 फरवरी 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “अपने को आज़ाद हिंद फ़ौज के नेता सुभाष चंद्र बोस का ड्राइवर बताने वाले 117 वर्षीय ‘कर्नल’ निजामुद्दीन का निधन हो गया है। इनका असली नाम सैफ़ुद्दीन था और इनकी मृत्यु आजमगढ़ के मुबारकपुर इलाके में अपने घर पर हुई।”
इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 21 मई 2014 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “नरेंद्र मोदी ने 12 साल बाद सीएम के पद से इस्तीफा दे दिया।”
अधिक जानकारी के लिए हमने वाराणसी दैनिक जागरण के रिपोर्टर दिनेश सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “यह तस्वीर 9 साल पुरानी है, जब एक चुनावी रैली के लिए पीएम मोदी वाराणसी आए थे। उस दौरान वो प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि बीजेपी की तरफ से पीएम के दावेदार थे।”
यह दावा पहले भी वायरल हो चुका है। इसकी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
अंत में हमने तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के 1.5 हजार फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने जब वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2014 के एक कार्यक्रम की है। उस समय नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार थे। साथ ही जांच में हमें यह भी पता चला कि कर्नल निज़ामुद्दीन का निधन साल 2017 में हो चुका है।
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