विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर नवंबर 2023 की है और इसका पेरिस 2024 ओलंपिक से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली विश्वास न्यूज । फ्रांस की मेजबानी में होने वाले ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई 2024 को हुई। अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें कुछ तैराकों को एक फॉर्मेशन बनाते हुए देखा जा सकता है, जिसमें उन्हें शरीर का इस्तेमाल करते हुए ‘Bring them home now’ (उन्हें अभी घर वापस लाओ) अक्षर बनाते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि इजरायली ओलंपिक टीम ने कुछ इस तरह अपने विचार व्यक्त किया।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। यह तस्वीर नवंबर 2023 की है और इसका पेरिस 2024 ओलंपिक से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर Suvin Sudarshan (आर्काइव लिंक) ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “I am so proud. The Israeli Olympic team was not allowed to wear the ‘Bring Them Home’ pin at the Olympic Games, so they formed a ‘Bring Them Home’ campaign of their own. We cannot fully live our lives until all the hostages are back home from the hellhole called Gaza.(मुझे बहुत गर्व है। इजरायल की ओलंपिक टीम को ओलंपिक खेलों में ‘ब्रिंग इट होम’ पिन पहनने की अनुमति नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपना ‘ब्रिंग इट होम’ अभियान बनाया। हम अपने जीवन को तब तक पूरी तरह से नहीं जी सकते जब तक कि सभी बंधक गाजा नामक नरक से घर वापस नहीं आ जाते)”
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया हमें यह तस्वीर इजराइल स्टेट के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर 19 नवंबर 2023 को अपलोड मिली। साथ में लिखा था, A beautiful tribute by Israel’s national artistic swimming team in tribute to the 240 hostages being held by Hamas terrorists in Gaza. We will not stop until each and every one of them are brought home. (गाजा में हमास आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए 240 बंधकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इजरायल की राष्ट्रीय कलात्मक तैराकी टीम की एक सुंदर श्रद्धांजलि। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक कि उनमें से हर एक को घर नहीं लाया जाता।)
हमें यह तस्वीर इजरायली कलात्मक तैराकी टीम के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी मिली। 19 नवंबर 2023 को अपलोड की गई इस तस्वीर के साथ लिखा था “हिब्रू से हिंदी में अनुवादित: इजरायल की कलात्मक तैराकी टीम ने इस सप्ताह के अंत में विंगगेट संस्थान में राष्ट्रीय पूल में एक विशेष तस्वीर के लिए इजरायल में अपहृतों की वापसी के लिए तस्वीरें लीं। दस एथलीटों ने इन तस्वीरों में भाग लिया। भाग लेने वाली लड़कियांः एडेन ब्लेकर, शेली बोब्रिट्स्की, एरियल प्रेसिडेंट, निकोल नाज़गोनोव, केटी कॉनिन, माया डोरफ, नेता रोबिचैक, दो शराज़िन, नोय गज़ला और ईया मज़ोर। एथलीट ने तस्वीरों के माध्यम से एक संदेश देने की मांग कीः “पूरे देश की तरह, हम भी इंतजार कर रहे हैं और आशा करते हैं कि सभी अपहृत जल्द ही घर लौट आएंगे। हमने इस श्रद्धांजलि को इजरायलियों और कई देशों के नागरिकों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद में फिल्माने का फैसला किया।”
इस तस्वीर को लेकर हमने इजरायली फैक्ट चेकिंग संगठन, द व्हिसल में मुख्य शोधकर्ता और विदेशी संबंध प्रबंधक उरिया बार-मीर (Uria Bar-Meir) से संपर्क साधा। उन्होंने कन्फर्म किया कि वायरल तस्वीर ओलंपिक 2024 की नहीं है, बल्कि नवंबर 2023 की है।
ओलंपिक 2024 में होने वाले सभी खेलों को लेकर ज्यादा जानकारी यहां पेरिस ओलंपिक की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ सुविन सुदर्शन नाम के फेसबुक यूजर ने शेयर किया था। यूजर के प्रोफ़ाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर दुबई में रहते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर नवंबर 2023 की है और इसका पेरिस 2024 ओलंपिक से कोई संबंध नहीं है।
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