विश्वास न्यूज़ ने अपनी पडताल में पाया कि वायरल की जा रही खबर साल 2019 के चुनाव के दौरान की है। पुरानी खबर को नए तरीके से भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक युवक की खबर वायरल हो रही है, जिसके मुताबिक, वह इलेक्शन में वोट देने के लिए अपनी सिडनी की नौकरी छोड़कर भारत आये हैं। इस खबर को मौजूदा लोकसभा इलेक्शन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पडताल में पाया कि वायरल की जा रही खबर साल 2019 के चुनाव के दौरान की है। पुरानी खबर को नए तरीके से भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को 8 मई को शेयर करते हुए लिखा, ”जो लोग भारत में रहते हुए भी बूथ पर एक वोट डालने नहीं जा रहे, उन्हें ये मैसेज से सीख लेनी चाहिए। मोदी को वोट देने के लिए छोड़ दी नौकरी, ऑस्ट्रेलिया से भारत आया सुधींद्र हेब्बार। हम लोग घर से बूथ तक नहीं पहुंच रहे हैं और यह मोदी के लिए ऑस्ट्रेलिया की नौकरी को भी लात मार दी।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले हमने कीवर्ड के साथ न्यूज सर्च किया, सर्च में टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 14 अप्रैल 2019 की खबर मिली। जिसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देने के लिए मंगलुरु के एक व्यक्ति ने ऑस्ट्रेलिया में नौकरी छोड़ दी। सिडनी हवाई अड्डे पर 41 वर्षीय स्क्रीनिंग अधिकारी सुधींद्र हेब्बार ने अपनी डेढ़ साल की नौकरी तब छोड़ दी, जब उन्हें एहसास हुआ कि भारी यात्री यातायात के कारण वह अपनी छुट्टी बढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने 23 मई को चुनाव नतीजे आने तक मंगलुरु में ही रुकने का फैसला किया है, जिसके बाद वह वापस आ जाएंगे और नई नौकरी की तलाश करेंगे।”
इसी मामले की खबर हमें डेक्कन हेराल्ड और मेंगलुरु टुडे की वेबसाइट पर भी अप्रैल 2019 को मिली। दी गई मालूमात के मुताबिक, ”41 साल के सुधींद्र हेब्बार मोदी के बहुत बड़े अनुयायी हैं। एमबीए डिग्री धारक, हेब्बार सिडनी हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने अपने मूल स्थान पर जाने के लिए 5 से 12 अप्रैल तक छुट्टी ली थी। दक्षिण कन्नड़ निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव 18 अप्रैल को होंगे। अपनी छुट्टी नहीं बढ़ा पाने के कारण हेब्बार ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है।”
विश्वास न्यूज़ ने पुष्टि के लिए सुधींद्र हेब्बार से संपर्क साधा और उन्होंने हमें जानकारी देते हुए बताया,, वह 2019 लोकसभा इलेक्शन के दौरान वोट देने के लिए आये थे। हालांकि, किसी कारणवश वह 2024 चुनाव में मदतान देने के लिए नहीं आ सके।
अब बारी थी भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि इस पेज को चार लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पडताल में पाया कि वायरल की जा रही खबर साल 2019 के चुनाव के दौरान की है। पुरानी खबर को नए तरीके से भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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