चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लाइव वीडियो के नाम पर वायरल मल्टीमीडिया भ्रामक है। वायरल वीडियो तीन अलग-अलग वीडियो से मिलाकर बनाया गया है, जिसमें एक एआई क्रिएटेड है, जबकि दो अन्य वीडियो नासा के मंगल ग्रह से संबंधित हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने के बाद प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर अपना काम शुरू कर चुका है। रोवर लगातार चंद्रमा की तस्वीरें और वीडियो भेज रहा है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो (ISRO) की तरफ से सार्वजनिक किया जा रहा है। इसी संदर्भ में तीन अलग-अलग वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की लाइव तस्वीर है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो वास्तव में तीन अलग-अलग वीडियो को जोड़कर बनाया गया है। पहला वीडियो एआई टूल की मदद से क्रिएट किया गया है, जिसे चंद्रयान-3 से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वहीं, दूसरा और तीसरा वीडियो अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा की तरफ से मंगल ग्रह पर भेजे गए रोवर का बनाया हुआ वीडियो है। चंद्रयान-3 से संबंधित वीडियो और तस्वीरों को इसरो की वेबसाइट और इसके आधिकारिक सोशल हैंडल पर देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया मीडिया यूजर ‘Bhuwanesh Sharma’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की लाइव तस्वीर। #Chandrayan3.Thanks ISRO.”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर ‘University of Aberdeen’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर करीब तीन महीने अपलोड किया हुआ वीडियो मिला, जिसमें मेटा के एआई टूल SAM की मदद से बनाया गया है।
वायरल वीडियो के विजुअल को इस वीडियो के 0.30 सेकेंड के फ्रेम से देखा जा सकता है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “यूनिवर्सिटी ऑफ एबेरडीन के शोधकर्ताओं की टीम ने मेटा एआई के सेगमेंट एनीथिंग मॉडल (SAM) की मदद से एक यूनिवर्सल क्रेटर डिटेक्शन अल्गोरिद्म (सीडीए) का निर्माण किया है।”
स्पष्ट है चंद्रयान-3 के नाम से वायरल हो रहा वीडियो एआई टूल की मदद से बनाया गया है। नीचे दर्शाए गए कोलाज में दोनों तस्वीरों के बीच की समानता को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो इसी चैनल पर मिला, जिसे दो महीने पहले अपलोड किया गया है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह नासा के मार्स रोवर क्यूरोसिटी पर मौजूद MAHLI के द्वारा खींची गई तस्वीर है।” नासा की वेबसाइट पर हमें यह ऑरिजिनल तस्वीर भी मिली, जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है। नीचे दर्शाए गए कोलाज में ऑरिजिनल तस्वीर और वायरल तस्वीर के बीच की समानता को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ‘SoM ET’ यू-ट्यूब चैनल पर ही करीब एक महीने अपलोड किया हुआ वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो का लंबा वर्जन है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, इसमें नजर आ रहा विजुअल नासा के मार्स मिशन का ही है। नासा की वेबसाइट पर भी यह तस्वीर मौजूद है, जिसे मार्स के Perseverance Rover ने खींचा था।
वायरल वीडियो में अंत में जो विजुअल नजर आ रहा है, वह भी चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर की तरफ से अब तक भेजे गए किसी भी विजुअल से मेल नहीं खाता है। चंद्रयान-3 के नाम पर वायरल इन वीडियो को लेकर हमने एयरोस्पेस एक्सपर्ट गिरीश लिंगन्ना से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 से संबंधित सभी वीडियो और तस्वीरों को इसरो की वेबसाइट और उसके आधिकारिक हैंडल पर ही जारी किया जा रहा है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल फेसबुक पर अप्रैल 2013 से सक्रिय है। इस प्रोफाइल को फेसबुक पर करीब छह हजार लोग शेयर करते हैं। चंद्रयान-3 से संबंधित अन्य वायरल औ फेक दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लाइव वीडियो के नाम पर वायरल मल्टीमीडिया भ्रामक है। वायरल वीडियो तीन अलग-अलग वीडियो से मिलाकर बनाया गया है, जिसमें एक एआई क्रिएटेड है, जबकि दो अन्य वीडियो नासा के मंगल ग्रह से संबंधित हैं।
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