Fact Check: दूसरे देशों की पुरानी तस्वीर को भारत में रमजान के दौरान की भीड़ बता किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में इन तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडोनेशिया और इजिप्ट की पुरानी तस्वीरों को भारत में रमजान महीने की हालिया तस्वीरों के रूप में पेश किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर मुस्लिम धर्मावलंबियों की कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। पिछले दिनों कुंभ को प्रतीकात्मक रूप से मनाने की अपील के बाद इन तस्वीरों को भारत में वर्तमान में चल रहे रमजान महीने की भीड़ के रूप में पेश किया जा रहा है। इसके साथ रमजान की भीड़ को भी बैन करने की मांग की जा रही है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में इन तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडोनेशिया और इजिप्ट की पुरानी तस्वीरों को भारत की तस्वीर के रूप में पेश किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल

ट्विटर यूजर Sunny Dass ने 17 अप्रैल 2021 को दो तस्वीरों को ट्वीट करते हुए अंग्रेजी में लिखा है, ‘कुंभ के शाही स्नान को प्रतीकात्मक रखने की घोषणा करने के बाद अगला कदम #BanRamzanGatherings होना चाहिए।’

इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल तस्वीरों पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किए। ट्वीट में बाएं से पहले तस्वीर पर इस ट्वीट का इस्तेमाल करने पर हमें इंटनेट पर कई सर्च रिजल्ट मिले। हमें यह तस्वीर Arab News की वेबसाइट पर 7 अप्रैल 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर को फाइल फोटो के रूप में इस्तेमाल किया गया है और न्यूज एजेंसी AFP को क्रेडिट इसे इजिप्ट की ऐतिहासिक Amr Ibn Al-Aas मस्जिद की तस्वीर बताया गया है। यह रिपोर्ट पिछले साल यानी 2020 में कोरोना आउटब्रेक के दौरान का है और रिपोर्ट के मुताबिक तब इजिप्ट में रमजान की भीड़ पर रोक लगाई गई थी इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यह तस्वीर getty images पर भी मिली। तस्वीर के कैप्शन के मुताबिक इसे 5 जून 2019 को क्लिक किया गया है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

अब बारी थी ट्वीट में मौजूद दूसरी तस्वीर के फैक्ट चेक की। दूसरी तस्वीर पर इस टूल का इस्तेमाल करने से इंटरनेट पर इससे जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें npr.org पर 24 अप्रैल 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह वायरल तस्वीर मिली। इस रिपोर्ट में वायरल तस्वीर के लिए न्यूज एजेंसी AP को क्रेडिट देते हुए इसे इंडोनेशिया के Lhokseumawe की मस्जिद की तस्वीर बताया गया है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यह तस्वीर AP की वेबसाइट पर भी मिल गई। इस तस्वीर को 24 अप्रैल 2020 को लिया गया है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की अबतक की पड़ताल से साबित हो चुका था कि वायरल तस्वीरें पुरानी हैं और इनका भारत से कोई संबंध नहीं है। विश्वास न्यूज ने एएफपी की पुरानी तस्वीर को एएफपी इंडिया के फोटो जर्नलिस्ट संग शेयर किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल तस्वीर भारत की नहीं है।

विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर Sunny Dass की प्रोफाइल को स्कैन किया। इस प्रोफाइल को मार्च 2020 में बनाया गया है और फैक्ट चेक किए जाने तक इसके 298 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में इन तस्वीरों को लेकर किया जा रहा दावा झूठा निकला है। इंडोनेशिया और इजिप्ट की पुरानी तस्वीरों को भारत में रमजान महीने की हालिया तस्वीरों के रूप में पेश किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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