अनाज की बोरियों पर खाना खाते तोतों की यह तस्वीर पुरानी है और इसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। पुरानी तस्वीर को झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। आजकल कई पुरानी तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण सामने आया है जिसमें कुछ तोते अनाज की बोरियों से खाते देखे जा रहे हैं। Vishvas News ने इसकी पड़ताल की और पाया कि यह वायरल फोटो पुरानी है और इसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट में कुछ तोते अनाज की बोरियों पर बैठे खाते दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्ट में हिंदी में एक कैप्शन भी है, “ऐसा नजारा फिर कभी नहीं मिलेगा जो #लॉकडाउन में देखने को मिल रहा है।”
इस पोस्ट का आर्काइव वजन यहां देखा जा सकता है।
25 मार्च, 2020 से भारत में लॉकडाउन है। ऐसे में लॉकडाउन से संबंधित कई पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
Vishvas News ने इस फोटो को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इसमें हमने पाया कि इस फोटो को सबसे पहले नेचर फॉरएवर सोसाइटी ब्लॉग पर 15 मार्च 2014 को पोस्ट किया गया था। विवेक राठौड़ नामक लेखक ने अपने ब्लॉग पोस्ट के एक हिस्से में लिखा है: “हम अगले दिन यनम से अमलापुरम, नरसापुर की तरफ अपने दोस्त के गांव के लिए निकले जो पल्लाकोलू के पास है। हमें 50 नहीं, बल्कि लगभग 100 या उससे ज्यादा तोते देखने को मिले जो एक अद्भुत तस्वीर है। ये चावल की थैलियों से भोजन कर रहे थे। यह एक देखने लायक दृश्य था।”
इस वायरल पोस्ट को लेकर Vishvas News ने 13 मई, 2020 को विनोद राठौड़ से बात की। उसने कहा: “ये तस्वीर अभी की नहीं है और इसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। मैंने ये तस्वीरें 2014 में ली थीं।”
विवेक राठौड़ ने भी ये तस्वीरें अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट की हैं।
फेसबुक पर विकास मिश्रा नाम के यूजर ने इस पोस्ट को शेयर किया है। Vishvas News ने यूजर की प्रोफाइल स्कैनिंग की और पाया कि यह गोंडा का रहने वाला है।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं, और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: अनाज की बोरियों पर खाना खाते तोतों की यह तस्वीर पुरानी है और इसका लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। पुरानी तस्वीर को झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।