Fact Check: पाक अधिकृत कश्मीर की दो साल पुरानी भूकंप की फोटो कश्मीर घाटी की ताजा तस्वीर बता कर वायरल
वायरल तस्वीरों का 12 फरवरी को आए भूकंप और कश्मीर घाटी से कोई संबंध नहीं है। वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2019 में पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर में खींची गई थी।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Feb 15, 2021 at 04:08 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें सड़क धंसी हुई नजर आ रही है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर घाटी में रात 10.39 बजे आए भूकंप की है। पोस्ट 12 फरवरी को साझा की गई थी। हालांकि, इस पोस्ट में कहीं भी कश्मीर शब्द नहीं लिखा गया है, लेकिन आम बोलचाल की भाषा में घाटी शब्द कश्मीर के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर साल 2019 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आए भूकंप के समय की है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पेज Voice of J&k syf ने यह पोस्ट शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद हैः घाटी में 6.2 तीव्रता का भूकंप रात 10.39 बजे आया।
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें यह तस्वीर इस्तेमाल की गई थी। तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन में लिखा गया है कि यह तस्वीर 24 सितंबर 2019 को पाकिस्तान के मीरपुर के बाहरी इलाके में खींची गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 सितंबर 2019 को पाक अधिकृत कश्मीर के कुछ इलाकों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहां काफी नुकसान भी हुआ था, जिसके चलते करीब 38 लोगों की मौत हो गई थी।
हमें यह तस्वीर गैटी इमेजेज पर भी मिली। इस तस्वीर को एएफपी के फोटो जर्नलिस्ट आमिर कुरैशी ने क्लिक किया था।
विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए आमिर कुरैशी से संपर्क किया और उन्हें वायरल पोस्ट का लिंक भेजा। उन्होंने जवाब में हमें लिखा कि यह तस्वीर उन्होंने 24 सितंबर 2019 की रात मीरपुर के बाहर इलाके में क्लिक की थी। यह तस्वीर कश्मीर की नहीं है। वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है।
12 फरवरी को आए भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान था और इसके झटके दिल्ली-एनसीआर सहित, जम्मू, उत्तराखंड, लाहौर और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में महसूस किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसमें जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले पेज Voice of J&k syf के बारे में जानने की। हमने पेज की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि खबर लिखे जाने तक इस पेज के 304 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीरों का 12 फरवरी को आए भूकंप और कश्मीर घाटी से कोई संबंध नहीं है। वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। यह तस्वीर साल 2019 में पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर में खींची गई थी।
- Claim Review : घाटी में 12 फरवरी को आए भूकंप के दौरान जमीन धंसने की तस्वीर
- Claimed By : FB Page: Voice of J&k syf
- Fact Check : झूठ
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