Fact Check : सपा नेता की पिटाई के पुराने वीडियो को कमाल अख्‍तर का बता फैलाया जा रहा है झूठ  

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सपा नेता कमाल अख्तर की पिटाई के नाम से वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वीडियो में जिस नेता की पिटाई दिखाई गई है, वे सपा के दूसरे नेता राजा चतुर्वेदी हैं। उनकी पिटाई का यह वीडियो 2011 का है।  

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सपा नेता कमाल अख्‍तर को पुलिस कर्मियों को लेकर एक विवादित बयान देते और अपनी बड़ाई करते देखा जा सकता है। वीडियो के दुसरे हिस्से में पुलिस द्वारा एक व्यक्ति की पिटाई होती देखी जा सकती है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ये बयान देने पर पुलिस ने सपा नेता कमाल अख्‍तर की पिटाई की।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की और पाया कि दो अलग-अलग वीडियो को जोड़कर यह फेक वीडियो बनाया गया है। वीडियो में जिस नेता के साथ बदसलूकी हुई है, वह सपा के दूसरे नेता राजा चौधरी है। यह घटना 2011 में हुई थी।  

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Prakassh Patel ने 27 सितंबर को एक वीडियो को पोस्‍ट किया। 30 सेकंड के इस वीडियो में सपा नेता कमाल अख्तर एक चुनावी भाषण देते हुए यह बोलते हुए दिखते हैं “इस उत्तर प्रदेश का कोई आईएएस, इस उत्तर प्रदेश का कोई आइपीएस, पीसीएस कोई ऐसा सीईओ कोई ऐसा कोतवाल इस उत्तर प्रदेश के अंदर पैदा नहीं हुआ, अगर कमाल अख्‍तर उसको फोन कर दे आज की डेट में जो आपका काम नहीं करे।” 17 सेकंड की इस क्लिप के बाद दूसरी क्लिप आ जाती है। इसमें पुलिस वालों को एक व्यक्ति की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है।

वीडियो को पोस्ट करते हुए यूजर ने लिखा “उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई आईएएस, आईपीएस, पीसीएस आज तक ऐसा नहीं है जो कमाल अख्तर समाजवादी पर हाथ लगा दें और पुलिस ने बिना डी जे भांगड़ा करवा दिया ***जय हो योगी आदित्यनाथ जी!***”

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल दावा एक बार पहले भी वायरल हो चुका है। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी और इसे फर्जी पाया था। उस समय विश्‍वास न्‍यूज ने दोनों क्लिपों की अलग-अलग जांच की थी।

पहली क्लिप के आधार पर संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऑरिजिनल  वीडियो एबीपी गंगा के यूट्यूब चैनल पर 9 अप्रैल 2021 को अपलोड मिला था।  डिस्क्रिप्शन में बताया गया था कि यूपी में पंचायत चुनाव के दौरान अमरोहा की एक पंचायत में वोट मांगने पहुंचे सपा के राष्‍ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री कमाल अख्‍तर ने यह बयान दिया था। वोटरों को लुभाने के लिए कमाल अख्‍तर को बोलते हुए देखा जा सकता है : “ऐसे लोग, बात करने की हैसियत नहीं रखते हो, जो डीएम से दरवाजे में घुसने की हैसियत नहीं करते हों। आप उनसे काम की उम्‍मीद कर रहे हैं। अल्‍लाह तौबा-तौबा, अल्‍लाह माफ करे। इस उत्तर प्रदेश का कोई आईएएस, इस उत्तर प्रदेश का कोई आइपीएस, पीसीएस कोई ऐसा सीईओ, कोई ऐसा कोतवाल इस उत्तर प्रदेश के अंदर पैदा नहीं हुआ, अगर कमाल अख्‍तर उसको फोन कर दे आज की डेट में जो आपका काम नहीं हुआ।”

पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने कमाल अख्‍तर से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था कि दो अलग-अलग वीडियो को मिक्स करके उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है। एक बार पहले भी ऐसी ही कोशिश की जा चुकी है। वायरल वीडियो के दूसरे पार्ट में सपा नेता राजा चतुर्वेदी हैं, जिनके साथ मायावती के शासनकाल में बदसलूकी हुई थी। वहीं, वायरल वीडियो का पहला पार्ट उनके एक चुनावी भाषण के वीडियो का अधूरा भाग है।

विश्‍वास न्‍यूज को यूट्यूब पर राजा चौधरी की पिटाई से संबंधित वीडियो संतोष चतुर्वेदी नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला था। इसे 25 अप्रैल 2011 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया था कि यूपी विधानसभा के पास 21 फरवरी 2011 को सपा नेता राजा चतुर्वेदी के साथ पुलिस ने बदसलूकी की थी।

हमें यह वीडियो राजा चतुर्वेदी के इंस्‍टाग्राम अकाउंट पर भी मिला था। इसमें बताया गया था कि 21 फरवरी 2011 की रात्रि 12 बजे बजट सत्र के अंतिम दिन, विधेयक बिल के विरोध प्रदर्शन के दौरान विधानसभा भवन के मुख्य द्वार पर बर्बरतापूर्वक पुलिस लाठीचार्ज किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर प्रकाश पटेल की सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि यूजर को एक हजार से ज्‍यादा लोग  फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सपा नेता कमाल अख्तर की पिटाई के नाम से वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। वीडियो में जिस नेता की पिटाई दिखाई गई है, वे सपा के दूसरे नेता राजा चतुर्वेदी हैं। उनकी पिटाई का यह वीडियो 2011 का है।  

False
Symbols that define nature of fake news
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