त्रिपुरा में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प और सोशल मीडिया पर पिछले पांच सालों से अलग-अलग संदर्भ में वायरल होते वीडियो को तमिलनाडु में स्थानीय लोगों और प्रवासी हिंदी भाषी मजदूरों के बीच के संघर्ष का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु से हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के पलायन के बीच सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनका तमिलनाडु में हुई वैसी किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है, जिसकी वजह से अफवाहें फैलीं और प्रवासी मजदूरों के पलायन की शुरुआत हुई।
इसी संदर्भ में दो ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसे लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह तमिलनाडु में स्थानीय लोगों और हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के बीच हुई झड़प का वीडियो है। विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। तमिल बनाम बिहार के लोगों के बीच संघर्ष के नाम पर वायरल वीडियो पुराना है, जिसे हालिया तमिलनाडु प्रवासी मजदूर पलायन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
फेसबकु यूजर ‘Tiger CJ gaming’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए इसे तमिल और बिहार के लोगों के बीच की लड़ाई का बताया है।
इसी पेज से एक अन्य वीडियो (आर्काइव लिंक) को तमिल और बिहारी प्रवासियों के बीच के संघर्ष का बताकर वायरल किया जा रहा है।
पहले वायरल वीडियो में दो गुटों के बीच झड़प को देखा जा सकता है। वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो ‘Viraj Jariv’ नाम के यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे पांच साल पहले 27 अक्टूबर 2017 को अपलोड किया गया है।
गौरतलब है कि दो मार्च को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुए राज्य के प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में दक्षिण भारत में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के साथ ट्रेन में मारपीट के मामले का वीडियो सामने आया था और इस मामले में पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था।
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को दो गुटों के बीच हुई मजेदार लड़ाई का बताकर शेयर किया है।
स्पष्ट है कि वायरल हो रहे वीडियो का मौजूदा प्रवासी पलायन से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, विश्वास न्यूज इस वीडियो के लोकेशन और समय की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है, लेकिन हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह वीडियो तमिलनाडु के मौजूदा प्रवासी मजदूरों के पलायन की घटना से संबंधित नहीं है।
दूसरा वीडियो में भी भीड़ को संघर्ष की स्थिति में देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी बनाम तमिल लोगों के बीच के संघर्ष का है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो ‘CHAKMA ALL NEWS CHANNEL’नाम के यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसमें इसे त्रिपुरा का बताया गया है।
एक अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को चैलेंगटा एसडीएफ ऑफिस के बाहर तिपरा मोहता और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प का बताया है। हालांकि,दोनों ही वीडियो में एक ही घटना के दो अलग-अलग विजुअल नजर आ रहे हैं। इसलिए हमने की-वर्ड सर्च की मदद ली। सर्च में हमें ‘BOROK NOW’ नाम के यू-ट्यूब चैनल पर चार दिन पहले अपलोड किया हुआ बुलेटिन मिला, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल को देखा जा सकता है।
चार दिन पहले अपलोड किए गए वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो “चैलेंगटा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)और तिपरा मोहता के समर्थकों के बीच हुई झड़प का है।”
हमारी जांच से स्पष्ट है कि दोनों ही वीडियो का तमिलनाडु की किसी भी घटना से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो को लेकर हमने चेन्नई स्थित टीवी पत्रकार सैम डैनियल से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर कई फेक वीडियो को शेयर किए जाने की वजह से यहां उत्तर भारतीय मजूदरों में भय की स्थिति है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में उत्तर भारतीय मजदूरों पर हुए हमले से संबंधित वायरल वीडियो का तमिलनाडु पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की तरफ से खंडन किया जा चुका है।
वहीं, इस मामले में बिहार पुलिस ने गलत और भ्रामक दावे के साथ उन्माद फैलाने वाले वीडियो के मामले में जांच करते हुए चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
हाल ही में दक्षिण भारत में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के साथ ट्रेन में मारपीट के मामले का वीडियो सामने आया था और इस मामले में पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी मजदूरों के साथ हुई हिंसा के दावे के साथ कई वीडियो और तस्वीरों को भ्रामक और गलत दावे के साथ साझा किया गया, जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हुआ। विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर इससे संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: त्रिपुरा में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प और सोशल मीडिया पर पिछले पांच सालों से अलग-अलग संदर्भ में वायरल होते वीडियो को तमिलनाडु में स्थानीय लोगों और प्रवासी हिंदी भाषी मजदूरों के बीच के संघर्ष का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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