नई दिल्ली (विश्वास टीम)। फेसबुक पर वीरेंद्र सहवाग का एक फर्जी ट्वीट वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस ट्वीट के जरिए सहवाग ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी पर निशाना साधा है। विश्वास टीम ने जब इस पोस्ट की पड़ताल की तो पता चला कि वीरेंद्र सहवाग के नाम पर फर्जी ट्वीट वायरल किया जा रहा है। सहवाग ने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है। सहवाग का ओरिजनल ट्विटर हैंडल @virendersehwag है, जबकि वायरल पोस्ट में @VirenderSehvag हैंडल का जिक्र है।
दिलीप सिंह नाम के एक फेसबुक यूजर ने वीरेंद्र सहवाग के फर्जी ट्वीट को पोस्ट करते हुए लिखा – ”सहवाग ने कम कहा पर बिल्कुल सच कहा। इतना लिखना के बाद एक”। इस पोस्ट में आगे लिखा है – “सालाना जनता के करोड़ों रूपए सोखने वाले AMU और JNU से अच्छे तो गांव-देहात के सरकारी स्कूल हैं, जो फौजी पैदा करते हैं, गद्दार नहीं।” यह सब बातें @VirenderSehvag के नाम से लिखी गई हैं। पोस्ट में बकायदा वीरेंद्र सहवाग की तस्वीर भी यूज की गई है।
13 फरवरी को अपलोड इस पोस्ट को अब तक 64 हजार से ज्यादा लोग शेयर करके इंटरनेट पर फैला चुके हैं। कमेंट करने वालों की तादाद 215 है। फेसबुक और ट्विटर पर यह काफी फैला हुआ है।
फर्जी वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए विश्वास टीम ने सबसे पहले @VirenderSehvag नाम के ट्विटर हैंडल को सर्च करना शुरू किया। लेकिन ऐसा कोई ट्विटर हैंडल हमें नहीं मिला। इसके बाद हमने वीरेंद्र सहवाग के असली ट्विटर हैंडल @virendersehwag को स्कैन किया। इसके लिए हमने InVID में वीरेंद्र सहवाग का ओरिजनल ट्विटर हैंडल @virendersehwag और वायरल हो रहा कंटेंट टाइप करके सर्च किया। लेकिन हमें ऐसा कोई ट्वीट या बयान नहीं मिला, जो सहवाग की ओर से दिया गया।
इसके बाद InVID की मदद से जब हमनें फर्जी ट्वीट को सर्च किया तो हमें पता चला कि वीरेंद्र सहवाग के नाम पर वायरल हो रहे फर्जी ट्वीट का कंटेंट 8 मई 2018 से वायरल हो रहा है। उसमें कहीं भी वीरेंद्र सहवाग का जिक्र नहीं है। बाद में इसी कंटेंट को वीरेंद्र सहवाग के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
अंत में हमने दिलीप सिंह नाम के एक फेसबुक यूजर का stalkscan.com की मदद से सोशल स्कैन किया। अकाउंट से चार हजार से ज्यादा लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं, जबकि इसे 7500 से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। फेसबुक अकाउंट के मुताबिक, यूजर बिहार के अररिया जिले के जोगबनी का रहने वाला है।
निष्कर्ष : वीरेंद्र सहवाग के नाम पर जो मैसेज वायरल हो रहा है, वह फर्जी है। सहवाग ने कभी भी ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया। जिस ट्विटर हैंडल का जिक्र फर्जी पोस्ट में किया गया है, ऐसा कोई ट्विटर हैंडल मौजूद नहीं है।
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