Fact Check : हरदोई जिले की 2012 की उखड़ी सड़क को रायबरेली की बताया जा रहा है

Fact Check : हरदोई जिले की 2012 की उखड़ी सड़क को रायबरेली की बताया जा रहा है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। फेसबुक पर टूटी हुई सड़क की एक तस्‍वीर को रायबरेली जिले की बताकर वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास टीम ने जब इस तस्‍वीर को चेक किया तो यह सड़क रायबरेली नहीं, बल्कि हरदोई की निकली। रायबरेली से हरदोई की दूर करीब 180 किलोमीटर से अधिक है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर संदीप पांडेय ने एक तस्‍वीर अपलोड करते हुए कांग्रेस और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए लिखा : ‘ये तस्‍वीर ऊंचाहर से खरौली मार्ग की है। मुझसे ज्‍यादा आप जानते हैं कि हमें रोज कितनी परेशानी उठानी पड़ती है…’

अंत में उन्‍होंने अपना नाम और कंदरावा, रायबरेली लिखा। इस पोस्‍ट में कई प्रकार के कमेंट आ रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने इस तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज की हेल्‍प ली। गूगल में जैसे ही हमने यह तस्‍वीर सर्च की तो हमें कई लिंक मिल गए। एक ऐसा ही लिंक हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट का मिला। वेबसाइट की खबर में उसी तस्‍वीर का यूज किया गया था, जो अब वायरल हो रही है।

12 अगस्‍त 2012 को अपलोड दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, यह तस्‍वीर हरदोई के जिला मुख्‍यालय ये सवायजपुर तहसील मुख्‍यालय को जोड़ने वाली सड़क की है। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने स्‍थानीय पत्रकार शैलेंद्र कुमार से बात की। उन्‍होंने बताया कि ऊंचाहार-खरौली मार्ग की स्थिति आज से नहीं, बल्कि बरसों से खराब है। लेकिन वायरल तस्‍वीर ऊंचाहार-खरौली मार्ग की नहीं है।

अंत में हमने फर्जी तस्‍वीर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर संदीप पांडेय के सोशल मीडिया अकाउंट को stalkscan टूल की मदद से स्‍कैन किया। इससे हमें पता चला कि संदीप पांडेय के निशाने के पहले कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार के नेता रहते हैं। संदीप के फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि वे मेरठ में रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से वे लगातार रायबरेली को लेकर पोस्‍ट कर रहे हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की जांच में पता चला कि जिस तस्‍वीर को रायबरेली जिले की ऊंचाहार-खरौली मार्ग की अभी की बताकर वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह हरदोई जिले की सात साल पुरानी है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
Related Posts
नवीनतम पोस्ट