विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि यह एक AI जेनरेटेड इमेज है, यानी इस तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। इस तस्वीर को दुष्प्रचार की मंशा से फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। देश और दुनिया में चल रहे मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में कथित तौर पर मस्जिद के अंदर दो महिलाओं को हिजाब और बिकिनी पहने किस करते हुए देख जा सकता है। वहीं, इस तस्वीर में और भी बहुत-सी महिलाएं इर्द- गिर्द बैठी हुई नजर आ रही हैं। वायरल फोटो को यूजर रमजान से जोड़कर शेयर करते हुए आपत्तिजनक दावा कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि यह एक AI जेनरेटेड इमेज है, यानी इस तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मद्दद से तैयार किया गया है। इस तस्वीर को दुष्प्रचार की मंशा से फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है।
एक्स यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”आमीन &*#$ रोजे की अफ्तारी सुबह में शहरी होगी।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने तस्वीर को गौर से देखा। तस्वीर में हमें सामने नजर आ रही दोनों ही महिलाओं के तीन-तीन पैर नजर आये। वहीं, पीछे बैठी महिलाओं में से किसी के भी चेहरे में नाक- नहीं हैं, इसके साथ ही उनके हाथ की उंगलियां भी कम हैं। हाथों और जिस्म की बनावट भी गैर मामूली है। इसके अलावा मस्जिद की दीवार पर लिखी अरबी के अक्षर भी आधे- अधूरे हैं।
शुरुआती जांच से हमें तस्वीर के एआई होने का अंदेशा हुआ। इसी बुनियाद पर हमने पड़ताल आगे बढ़ाई और इस फोटो को एआई की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल के जरिये चेक किया। हाइव मॉडरेशन के मुताबिक, इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना करीब 99.7 फीसदी है।
वहीं, एक दूसरे एआई टूल पर भी हमने इस फोटो को अपलोड किया। यहां मिले नतीजों के मुताबिक, यह 92.70 फीसद AI से बनी है।
तस्वीर को लेकर हमने एआई एक्सपर्ट अमर सिन्हा से संपर्क किया। उन्होंने बताया, यह तस्वीर एआई निर्मित है। एआई से बनी तस्वीर देखने में बिल्कुल असली लगती है, लेकिन इसमें कुछ कमियां होती हैं, जिनसे इसकी सच्चाई पता चल सकती है। ऐसी तस्वीरें किसी भी आम एआई टूल से आसानी से बनाई जा सकती हैं।”
फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले एक्स हैंडल की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 53 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर असली नहीं है, बल्कि यह एक AI जेनरेटेड इमेज है, यानी इस तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। इस तस्वीर को दुष्प्रचार की मंशा से फर्जी दावे के साथ फैलाया जा रहा है।
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