Fact Check: लुधियाना पुलिस द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गयी ‘मुफ्त सवारी योजना’ का नंबर गुजरात के नाम से वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने गुजरात की ‘मुफ्त सवारी योजना’ के नाम पर वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में यह पोस्‍ट भ्रामक निकली। यह नंबर लुधियाना पुलिस का है। लुधियाना ने साल 2019 में महिलाओं के लिए मुफ्त सवारी योजना’ शुरू की थी और ये नंबर जारी किया था, जिसे अब गुजरात के नाम से शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि गुजरात पुलिस ने महिलाओं के लिए एक नई स्कीम निकाली है। पोस्ट में लिखा हुआ है- गुजरात पुलिस ने महिलाओं को रात में सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए ‘मुफ्त सवारी योजना’ शुरू की है। अगर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच महिलाओं को अकेले घर जाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं होता है, तो वे महिला पुलिस हेल्पलाइन नंबर (1091 या 7837018555) पर कॉल कर वाहन के लिए अनुरोध कर सकती हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह पोस्‍ट भ्रामक निकली। यह नंबर लुधियाना पुलिस का है, जब साल 2019 में महिलाओं के लिए उनके द्वारा मुफ्त सवारी योजना’ शुरू की गयी थी और ये नंबर जारी किया गया था। जिसे अब गुजरात के नाम से शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर सुनील पटेल ने  6 दिसंबर को वायरल पोस्ट को शेयर किया था जिसमें गुजरात पुलिस का लोगो लगा है। यूजर ने गुजराती में पोस्ट में लिखा है, પોલીસે નિ:શુલ્ક રાઇડ યોજના શરૂ કરી છે જ્યાં કોઈપણ મહિલાઓ કે જેઓ એકલી હોય અને રાત્રે 10 થી 6 વાગ્યે ઘરે જવા માટે વાહન ન મેળવી શકતી હોય તે પોલીસ હેલ્પલાઇન નંબર્સ (1091 અને 7837018555) પર સંપર્ક કરી શકે છે અને વાહનની વિનંતી કરી શકે છે.  તેઓ 24×7 કલાક કામ કરશે.  કંટ્રોલ રૂમનું વાહન અથવા નજીકનું પીસીઆર વાહન / એસએચઓ વાહન તેને સુરક્ષિત રૂપે તેના લક્ષ્યસ્થાન પર લઈ જશે.  આ મફતમાં કરવામાં આવશે.  આ સંદેશ તમે જાણો છો તે દરેકને આપો.  તમારી પત્ની, પુત્રીઓ, બહેનો, માતાઓ, મિત્રો અને તમે જાણતા હોય તેવી બધી મહિલાઓને નંબર મોકલો .. તેને બચાવવા માટે તેમને કહો .. બધા પુરુષો કૃપા કરીને તમે જાણો છો તે બધી મહિલાઓ સાથે શેર કરો ….  કટોકટીના કિસ્સામાં મહીલાઓ *ખાલી સંદેશ અથવા મિસ્ડ  call* કરી શકે છે .. તેથી પોલીસ તમારું સ્થાન શોધી શકશે અને તમને મદદ કરશે *સમગ્ર ભારતમાં લાગુ* (पुलिस ने एक मुफ्त यात्रा योजना शुरू की है, जहां कोई भी महिला जो अकेली है और उसे रात 10 बजे से शाम 6 बजे के बीच घर जाने के लिए वाहन नहीं मिल रहा, वह पुलिस हेल्पलाइन नंबर (1091 और 7837018555) पर संपर्क कर सकती है और वाहन का अनुरोध कर सकती है। वे 24×7 घंटे काम करेंगे. कंट्रोल रूम का वाहन या नजदीकी पीसीआर वाहन/एसएचओ वाहन उसे सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाएगा. यह नि:शुल्क किया जाएगा। इस संदेश को अपने जानने वाले सभी लोगों तक पहुंचाएं।  अपनी पत्नी, बेटियों, बहनों, माताओं, दोस्तों और उन सभी महिलाओं को नंबर भेजें जिन्हें आप जानते हैं .. उन्हें इसे सहेजने के लिए कहें .. सभी पुरुष कृपया उन सभी महिलाओं के साथ साझा करें जिन्हें आप जानते हैं…।  आपातकालीन स्थिति में महिलाएं *खाली संदेश या मिस्ड कॉल* कर सकती हैं .. ताकि पुलिस आपका स्थान ढूंढ सके और आपकी मदद कर सके।”

पोस्ट को सच समझ कर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले गुजरात पुलिस के नाम से वायरल पोस्ट में दिए गए नंबर पर कॉल किया। हमें बताया गया कि यह नंबर गुजरात का नहीं, बल्कि लुधियाना पुलिस का हेल्पलाइन नंबर है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल मोबाइल नंबर 7837018555 के बारे में गूगल पर सर्च करना शुरू किया। हमें इस नंबर से जुड़ी एक खबर एनडीटीवी की वेबसाइट पर मिली। 1 दिसंबर 2019 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, लुधियाना में महिलाओं के लिए पुलिस ने नाइट पिक एंड ड्रॉप सेवा शुरू की।  

हमें कई अन्य न्यूज वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित मिली।

अधिक जानकारी के लिए हमने लुधियाना दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर दिलबाग दानिश से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह दावा गलत है। लुधियाना पुलिस ने तकरीबन चार  साल पहले महिलाओं के लिए फ्री सवारी योजना शुरू की थी। यह सर्विस सिर्फ लुधियाना के लिए ही है। लोग अक्सर इस नंबर को अलग-अलग शहरों के नाम पर शेयर करते रहते हैं।

इसके बाद हमने कीवर्ड्स से ढूंढा कि क्या गुजरात में ऐसी कोई सेवा शुरू हुई है। हमें किसी भी ऑथेंटिक न्यूज पोर्टल पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली।

हमने इस विषय में गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से भी संपर्क साधा। उन्होंने भी कन्फर्म किया कि गुजरात में ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं हुई है।

पड़ताल के अंतिम चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर सुनील पटेल की जांच की।  यूजर के फेसबुक पर तकरीबन पांच हजार मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने गुजरात की ‘मुफ्त सवारी योजना’ के नाम पर वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में यह पोस्‍ट भ्रामक निकली। यह नंबर लुधियाना पुलिस का है। लुधियाना ने साल 2019 में महिलाओं के लिए मुफ्त सवारी योजना’ शुरू की थी और ये नंबर जारी किया था, जिसे अब गुजरात के नाम से शेयर किया जा रहा है।

False
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