Fact Check: नूंह में हिंसा के लिए उकसाने के आरोपी बिट्टू बजरंगी का रोते हुए वायरल वीडियो पुराना है

नूंह में हिंसा के लिए उकसाने के आरोपी बिट्टू बजरंगी का रोते हुए वीडियो एक साल से भी ज्‍यादा पुराना है। इसका नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। हरियाणा में हिंसा के बाद से ही कई प्रकार के वीडियो और तस्‍वीर वायरल करते अफवाह फैलाने की कोशिश की जा रही है। अब नूंह में हुई हिंसा के लिए उकसाने के आरोपी बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 45 सेकंड के इस वीडियो में वह रैली की बात करते हुए रोते हुए कह रहा है, “मुझे जेल कर दो। गोली मार दो, परेशान मत करो।” कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो नूंह हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई से पहले का है। 

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि बिट्टू बजरंगी का यह वीडियो अप्रैल 2022 का है, जबकि नूंह में 31 जुलाई को हिंसा भड़की थी। मतलब वायरल वीडियो हिंसा से पहले का है, बाद का नहीं। इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट

ब्‍लू टिक ट्विटर यूजर ‘वसीमुद्दीन सिद्दीकी’ (आर्काइव लिंक) ने 3 अगस्‍त को वीडियो शेयर करते हुए लिखा,

ये बिट्टू बजरंगी भाईजान है मोनू मानेसर के साथी हैं मगर पुलिस की गिरफ्तारी से पहले रो रो कर अपील कर रहें हैं !!

वीडियो में बिट्टू कह रहा है, “रैली में कौन आया था। अपने भाइयों फंसा दूं। अपने भाइयों को जेल करा दूं और न ही किसी का नाम दूंगा। हिम्‍मत है तो जेल कर दो गोली मार दो परेशान मत करो।

फेसबुक यूजर ‘बबलू खान‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 3 अगस्‍त को इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

यूट्यूब चैनल महज पर भी इस वीडियो को 3 अगस्‍त 2023 को अपलोड करते हुए इसे हाल का बताया गया है।

https://www.youtube.com/watch?v=H2Zpizn-Drw

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने बिट्टू बजरंगी के बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। 4 अगस्‍त को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है, “हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हिंसा हुई थी। इस मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ता बिट्टू बजरंगी पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लग रहा है। दरअसल, बिट्टू ने शोभायात्रा में शामिल होने से पहले एक वीडियो क्लिप शेयर किया था, जिसमें वह भगवा पोशाक में नजर आ रहा था। वीडियो में उसने कुछ आपत्तिजनक बातें की थीं। इस मामले को लेकर डबुआ फरीदाबाद में बिट्टू पर हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।”

इसके बाद वायरल वीडियो के बारे में कीवर्ड से सर्च करने पर हमें फेसबुक पर इससे संबंधित वीडियो मिला। यूजर ‘गुरुचरण सिंह डोरा-बीजेपी ऑफिशियल‘ ने वायरल क्लिप का लंबा वीडियो 16 अप्रैल 2022 (आर्काइव लिंक) को अपलोड करते हुए लिखा है, “दहाड़ें मार रोये फरीदाबाद के हिन्दू नेता बिट्टू बजरंगी, बोले जबसे रैली की है तबसे बहुत परेशान किया जा रहा है, ये बांग्लादेश, पाकिस्तान नहीं भारत है।” इसमें वह कह रहे हैं कि जबसे रैली की है, तब से चैन से नहीं बैठने दिया जा रहा है। इसमें 13 मिनट के बाद वायरल क्लिप को देखा जा सकता है। मतलब यह वीडियो हाल का नहीं है।  

bittu bajrangi

‘हरियाणा अब तक’ फेसबुक यूजर ने 6 अगस्‍त (आर्काइव लिंक) को एक पोस्‍ट करते हुए कहा कि उसने वायरल वीडियो को 13 अप्रैल 2022 का अपने पेज पर अपलोड किया था।  

13 अप्रैल 2022 को फरीदाबाद न्‍यूज यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो न्‍यूज में बताया गया है कि बिट्टू बजरंगी का रोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। उन्‍होंने 10 अप्रैल को रामनवमी पर एक रैली निकाली थी। रैली में काफी लोग पहुंच गए थे। इसका टाइटल है, “Bittu Bajrangi रो रहे थे, हमने पूछा क्या हुआ तो बोले भगवा रैली निकालने के बाद पुलिस कर रही परेशान”।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने बिट्टू बजरंगी से संपर्क कर वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “यह वीडियो अप्रैल 2022 का है। मैं हर साल रैली निकालता हूं। रैली निकालने के बाद मुझको परेशान किया जा रहा था, जिसके बाद यह वीडियो पोस्‍ट किया था। नूंह मामले में पुलिस ने मुझे गिरफ्तार किया था। फिलहाल, मैं जमानत पर हूं।

वहीं, इस मामले में फरीदाबाद न्यूज चलाने वाले धर्मेंद प्रताप से भी हमने बात की। उन्होंने कहा, “यह वीडियो करीब एक साल पुराना है। बिट्टू ने रैली निकाली थी, जिसमें कुछ लोगों ने तलवारें लहरा दी थीं। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की थी। इसके बाद उसने वह वीडियो पोस्ट किया था।

पड़ताल के अंत में हमने पुराना वीडियो शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। यूजर अक्‍टूबर 2017 से ट्विटर पर सक्रिय हैं और उनके 1 लाख 40 हजार से ज्‍यादा फॉलोअर्स हैं।

नूंह हिंसा से संबंधित विश्‍वास न्‍यूज की अन्‍य फैक्‍ट चेक रिपोर्ट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

निष्कर्ष: नूंह में हिंसा के लिए उकसाने के आरोपी बिट्टू बजरंगी का रोते हुए वीडियो एक साल से भी ज्‍यादा पुराना है। इसका नूंह हिंसा से कोई संबंध नहीं है।

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