Fact Check: यूपीआई पेमेंट करने पर नहीं चुकाना है 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज, वायरल पोस्ट फर्जी है
वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है। यूपीआई के जरिए पेमेंट करने पर यूजर को 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं चुकाना है। एनपीसीआई ने केवल 30 प्रतिशत कैप लगाने का फैसला किया है।
- By: Abbinaya Kuzhanthaivel
- Published: Jan 7, 2021 at 04:45 PM
- Updated: Jan 7, 2021 at 08:21 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक अखबार की कटिंग शामिल है। इस पर छपी खबर के जरिए दावा किया जा रहा है कि 1 जनवरी 2021 से गूगल पे और फोन पे से पेमेंट करने पर 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज चुकाना पड़ेगा।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा फर्जी है। नेशनल पेमेंटस काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने भी इस दावे को गलत करार देते हुए स्पष्ट किया है कि उन्होंने ट्रांजेक्शंस पर 30 प्रतिशत का कैप लगाया है, यह रकम पेमेंट करने पर वसूली नहीं जाएगी।
क्या है वायरल पोस्ट में?
न्यूजपेपर की क्लिपिंग में लिखा गया है कि गूगल पे या फोन पे के जरिए पैसे भेजने पर 1 जनवरी से 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज लगेगा। इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने थर्ड पार्टी एप्लिकेशंस के जरिए ट्रांजेक्शंस पर चिंता जाहिर की है।
फेसबुक यूजर Philiphs Jp ने भी यह पोस्ट शेयर की है, जिसके साथ तमिल में लिखे गए कैप्शन का हिंदी अनुवाद है: 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज? यानी कि 1000 रुपए भेजने पर 300 रुपए और देने होंगे? यह ठीक नहीं है।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले गूगल पर कीवर्ड्स की मदद से इस खबर के बारे में ढूंढना शुरू किया। हमें 7 नवंबर को दैनिक जागरण में प्रकाशित एक आर्टिकल मिला जिसका शीर्षक हैः NPCI गूगल पे, फोन पे और दूसरे UPI ऐप्स के उपयोग को सीमित करने के लिए लाया नया नियम, 1 जनवरी से होगा लागू।
इस आर्टिकल में बताया गया है कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने थर्ड पार्टी ऐप्स के एकाधिकार को खत्म करने के लिए 1 जनवरी से 30 फीसदी कैप लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसी भी एक थर्ड पार्टी ऐप को कुल वाॅल्यूम के अधिकतम 30 फीसदी लेनदेन की ही इजाजत होगी। यानी कि अगर हर महीने देश में 200 करोड़ यूपीआई लेन-देन होते हैं, तो इसका तीस फीसदी यानी कि 60 करोड़ लेन-देन ही किसी एक थर्ड पार्टी ऐप प्लेटफॉर्म पर एक महीने में हो सकते हैं।
इस पूरे आर्टिकल में यह बात कहीं नहीं लिखी गई है कि यूपीआई से पेमेंट करने पर यूजर को 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज चुकाना है। हमें न ही ऐसी कोई और मीडिया रिपोर्ट मिली, जिसमें यह कहा गया हो कि यूजर्स को 1 जनवरी से यूपीआई पेमेंट्स पर 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज चुकाना है।
हमने एनपीसीआई की वेबसाइट npci.org.in पर भी इस नोटिफिकेशन को सर्च किया। दरअसल एनपीसीआई एक अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन है, जिसके माध्यम से भारत में सभी रिटेल पेमेंटस व सेट्लमेंट सिस्टम को ऑपरेटर किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक और इंडियन बैंक एसोसिएशन ने इसका गठन पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट 2007 के तहत किया है। हमें एनपीसीआई की वेबसाइट पर 5 नवंबर को जारी एक प्रेस रिलीज मिली, जिसमें यह लिखा गया है कि हर महीने होने वाली यूपीआई ट्रांजेक्शंस 200 करोड़ पहुंच गई हैं और माना जा रहा है कि भविष्य में इसमें और ग्रोथ होगी। ऐसे में थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर यूपीआई के जरिए उनकी कुल ट्रांजेक्शन पर 30 प्रतिशत का कैप लगाया जा रहा है। यह 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। इससे यूपीआई ईकोसिस्टम को सुरक्षित किया जा सकेगा।
विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए एनपीसीआई से संपर्क किया। एनपीसीआई की तरफ से मिले मेल के जवाब में वायरल पोस्ट में किए गए दावे का खंडन किया गया है और यह साफ किया गया है कि यूजर्स से कोई ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं वसूला जा रहा।
फेसबुक पर वायरल पोस्ट Philiphs Jp नामक यूजर ने शेयर की है। इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर तमिलनाडु के सेलम का रहने वाला है और खबर लिखे जाने तक इसके फेसबुक पर 3809 फाॅलोअर्स थे।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा फर्जी है। यूपीआई के जरिए पेमेंट करने पर यूजर को 30 प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज नहीं चुकाना है। एनपीसीआई ने केवल 30 प्रतिशत कैप लगाने का फैसला किया है।
- Claim Review : गूगल पे, फोन पे से पेमेंट करने पर 30 प्रतिशत का ट्रांजेक्शन चार्ज चुकाना होगा।
- Claimed By : FB User : Philiphs Jp
- Fact Check : झूठ
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