(नई दिल्ली)। 10 सरकारी बैंकों के विलय को लेकर सरकार की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर नौ सरकारी बैंकों के बंद किए जाने का मैसेज तेजी से फैल रहा है। वायरल हो रहे मैसेज में दावा किया गया है, ‘भारतीय रिजर्व बैंक 9 सरकारी बैंकों को बंद करने जा रहा है।’ बैंकों के नाम का जिक्र किए जाने के साथ ही खाताधारकों से तत्काल पैसे निकालने की अपील की गई है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा अफवाह निकला, जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही 9 बैंकों को हमेशा के लिए बंद करने जा रहा है। मैसेज के मुताबिक, ‘इन बैंकों के नाम कॉर्पोरेशन बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया है।’
मैसेज में इन बैंकों के खाताधारकों से तत्काल ही अपने पैसे को निकालने और इसे अन्य लोगों को फॉरवर्ड करने की अपील की गई है। दावा किया गया है कि यह सब कुछ सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली। गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी। सरकार की घोषणा के मुताबिक-
1. पंजाब नैशनल बैंक के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का विलय किया जाएगा।
2. केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा।
3. यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाकर एक किया जाएगा।
4.इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा।
30 अगस्त 2019 को इन बैंकों के विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक पहले की ही तरह काम करते रहेंगे। बैंकों के विलय की घोषणा के बाद देश में मौजूद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो जाएगी। निर्मला सीतारमण के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी पुष्टि होती है।
इन बैंकों के विलय की घोषणा से पहले सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना और विजया बैंक के विलय की घोषणा की थी। यानी सरकार ने बैंकों के विलय की योजना को अमली जामा पहनाया है, न कि किसी बैंक को बंद करने का फैसला लिया है।
सोशल मीडिया पर फैलते अफवाह के बीच केंद्र सरकार और आरबीआई ने इसे लेकर सफाई दी। आरबीआई ने ट्वीट कर कहा, ‘सोशल मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म पर यह खबर फैल रही है कि आरबीआई कुछ व्यावसायिक बैंकों को बंद करने जा रहा है। यह पूरी तरह से अफवाह है।’
केंद्र सरकार के वित्तीय सचिव राजीव कुमार ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर आरबीआई के कुछ बैंकों को बंद किए जाने की अफवाह फैल रही है। किसी भी सरकारी बैंक को बंद करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। बैंक भरोसे के प्रतीक हैं। वास्तव में सरकार सुधार और पूंजीकरण की मदद से बैंकों को मजबूत कर रही है, ताकि वह अपने ग्राहकों की और बेहतर तरीके से सेवा कर सकें।’
वायरल मैसेज में जिन बैंकों के नाम का जिक्र किया गया है, उनमें से कुछ के विलय की घोषणा की गई है, जबकि कुछ बैंकों को आरबीआई ने पीसीए की लिस्ट में डाला हुआ है, जिनके कर्ज देने पर पाबंदी लगी हुई है। हालांकि, इस सूची में होने की वजह से उनके सामान्य बैंकिंग पर कोई असर नहीं हुआ है, वह पहले की ही तरह जारी है।
आरबीआई ने ऐसे 11 बैंकों को पीसीए (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) की सूची में डाला था, जिनका एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) काफी अधिक था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2019 में केंद्रीय बैंक ने इस सूची से बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को इस सूची से बाहर कर दिया था। इसके कुछ दिनों बाद ही इलाहाबाद बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को भी इस सूची से बाहर कर दिया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई की इस सूची में अब केवल पांच सरकारी बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और देना बैंक शामिल हैं।
IDBI बैंक ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी गई जानकारी में ऐसे मैसेज को अफवाह करार दिया है। बैंक की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है, ‘हमें पता चला है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैंक की वित्तीय स्थिति को लेकर झूठ और अफवाह फैला रहे हैं। आईडीबीआई बैंक अपने सभी स्टेकहोल्डर्स को बताना चाहता है कि वह बेहद मजबूत स्थिति में हैं और उसका कारोबार पहले की ही तरह चलता रहेगा। हम अपने ग्राहकों से अपील करते हैं कि वह किसी ऐसी अफवाह पर ध्यान नहीं दें।’
बैंक ने कहा है, ’19 सितंबर 2019 तक बैंक भारत सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम से 9300 करोड़ रुपये जुटाए हैं।’
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर 9 सरकारी बैंकों को बंद किए जाने के दावे के साथ फैल रही खबर अफवाह है। सरकार ने हाल ही में 10 सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की है और किसी भी सरकारी बैंक को बंद किए जाने की उसकी योजना नहीं है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।